क्यों भारत में आम चुनाव पूरे विश्व के लिए होते हैं खास?
देश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। संभव है कि अगले महीने तक चुनावों की तिथि की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। राजनीतिक दलों ने अभी से चुनावी कसरत शुरू कर दी है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के कारण भारत के आम चुनावों पर पूरे विश्व की नजर रहती है। ऐसे में आपको भी चुनावी जानकारियों से अपडेट रहने के लिए इन आंकड़ों से परिचित होना जरूरी है।
कुल 87.5 करोड़ मतदाता
2019 के लोकसभा चुनावों में करीब 87.5 करोड़ मतदाता होंगे। 2014 में मतदाताओं की संख्या 83 करोड़ थी जिनमें से करीब साढ़े पांच करोड़ लोगों ने वोट दिया था। इस बार बड़ी संख्या में पहली बार वोटर बने युवा भी वोट डालेंगे।
कुल 545 सीटें
वर्तमान में लोकसभा सीटों की कुल संख्या 545 है। इनमें से 543 सदस्य चुनाव जीतकर आते हैं जबकि 2 सीटें एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए आरक्षित हैं, जिन्हें राष्ट्रपति नॉमिनेट करते हैं।
10 लाख पोलिंग स्टेशन
लोकसभा चुनावों के लिए इस साल कुल 10 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। 80 करोड़ मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पोलिंग स्टेशनों की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को भी तैनात किया जाता है।
464 राजनीतिक दल
2014 लोकसभा चुनाव में देश भर के कुल 464 राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया था। इनमें से सिर्फ 6 दल ही राष्ट्रीय दल हैं। बाकी सभी क्षेत्रीय पार्टियां हैं। इस लोकसभा चुनाव में दो मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता है तो इन छोटी पार्टियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
2014 में कुल 8251 उम्मीदवार
2014 लोकसभा चुनाव के दौरान कुल 8251 उम्मीदवार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतरे थे। इस बार ये आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। इससे भारत की राजनीतिक व्यापकता और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का पता चलता है।
भाजपा ने जीती थीं 282 सीटें
भाजपा ने 2014 में बहुमत के साथ 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। यह पिछले तीस सालों में किसी अकेली पार्टी को मिली सबसे ज्यादा सीटें थीं। सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए के कुल सीटों की संख्या 300 से ज्यादा हो गई थी। स्वतंत्र भारत में पूर्ण बहुमत और इतनी सीटों के साथ सत्ता में आने वाली यह पहली सरकार रही।