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क्रिकेट में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जस्टिस लोढ़ा ने सुझाई ये 15 बातें

justiceगुड़गांव. हरियाणा भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, खत्म और कई सुधारों के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढ़ा की समिति ने अपनी सिफारिश सुप्रीमकोर्ट को सौंप दी है.

लोढ़ा समिति ने आईपीएल के पूर्व मुख्य संचालन अधिकारी सुंदर रामन को आईपीएल-6 के स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी मामले में क्लीन चिट दे दी है.

क्या दिए हैं सुझाव

1-बीसीसीआई की 14 सदस्यीय कार्यकारी समिति की जगह सर्वोच्च परिषद बने.

2-इस सर्वोच्च परिषद में पांच चुने हुए, खिलाड़ियों के संघ से दो प्रतिनिधि और एक महिला शामिल हो.

3-कार्यकारी अधिकारी और उसके छह सहायक, नौ सदस्यीय सर्वोच्च परिषद के प्रति जवाबदेह हों.

4-बीसीसीआई और आईपीएल के लिए अलग-अलग शासकीय निकाय बने.

5-बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के नियम के तहत लाया जाए.

6-बोर्ड अधिकारियों की उम्र और कार्यकाल की सीमा तय करने, सट्टेबाजी पर कानून बनाने और एक राज्य एक सदस्य प्रणाली अपनाई जाए.

7-रोज के काम देखने के लिए सीईओ की नियुक्ति हो. जिसके साथ 6 प्रबंधक हों.

8-चयन, प्रशिक्षण, प्रदर्शन के मूल्यांकन एवं अंपायरिंग पर निर्णय लेने के लिए गठित समितियों में सिर्फ पूर्व खिलाड़ियों को शामिल हों.

9-आईपीएल की स्वायत्तता हो और आईपीएल के गवर्निग काउंसिल के सदस्यों की संख्या घटाकर नौ की जाए. जिसमें बीसीसीआई के सचिव और कोषाध्यक्ष पदेन सदस्य होने चाहिए.

10- आईपीएल की गवर्निग काउंसिल में दो सदस्यों पूर्ण सदस्यों द्वारा नामित किए जाने या चुने जाएं.

11-बाकी बचे पांच में से दो सदस्य फ्रेंचाइजी द्वारा नामांकित किए जाएं, एक सदस्य खिलाड़ियों के संघ का प्रतिनिधित्व करे. जबकि एक सदस्य को सीएजी नामांकित करे.

12- बीसीसीआई में हर राज्य से एक ही सदस्य हो. हर राज्य का एक संघ बीसीसीआई का पूर्ण सदस्य हो और उसे मत देने का अधिकार हासिल हो.

13- बिना किसी क्षेत्र वाले सदस्य, जैसे रेलवे, सर्विसेज (सेना), सीसीआई, एनसीसी का दर्जा घटाकर संबद्ध सदस्य का कर दिया जाना चाहिए और इन्हें मत देने का अधिकार नहीं होना चाहिए.

14- बीसीसीआई अधिकारियों पर अंकुश लगाते हुए समिति ने उनकी उम्र सीमा 70 वर्ष करने की सिफारिश की है. साथ ही कहा है कि किसी भी अधिकारी का कार्यकाल तीन बार से ज्यादा का नहीं होना चाहिए और प्रत्येक कार्यकाल के बीच ‘समीक्षा-अवधि’ भी होनी चाहिए.

15- एक मजबूत एजेंट पंजीकरण प्रणाली हो. जिसमें पूर्व खिलाड़ियों की संचालन समिति बनाने और इसमें पूर्व खिलाड़ी मोहिंदर अमनरनाथ, महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इदुलजी और पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी हों.

 

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