खड़े खंभे चिढ़ाते हैं गांव के युवाओं को, नहीं हो रही है शादी
एजेंसी/ कानपुर जिले में एक गांव ऐसा है जहां कुंवारों की फ़ौज खड़ी है. इतना ही नहीं उल्टे लड़के वाले दहेज़ भी देने को तैयार हैं. लेकिन फिर भी कोई अपनी लड़की इस गांव में ब्याहने को तैयार नहीं है. इस वजह से यहां कुंवारों की एक लंबी फ़ौज तैयार हो गई है. आखिर क्यों कोई मां-बाप अपनी बेटी इस गांव में नहीं ब्याहना चाहता. इसके पीछे दो प्रमुख वजह हैं. किस वजह से इस गांव के लड़कों की शादी नहीं हो रही है
गांव के मुताबिक लड़कों की शादी न होने के पीछे दो अहम कारण हैं जिनमें पहला है शौचालय और दूसरा बिजली. अफसोस की इस गांव में दोनों ही नहीं हैं, जिसके कारण कोई भी अपनी बेटी इस गांव में नहीं ब्याहना चाहता.
थाना चौबेपुर अंतर्गत दिलावरपुर् टोस्वा गांव ही वह बदनसीब गांव है जहां आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंची है. कोढ़ में खाज वाली बात ये है कि गांव के लोग शौचालय के लिए भी जागरूक नहीं है और इस गांव में शायद ही किसी के घर में शौचालय हो.
लड़कों की शादी न होने से इस गांव में 120 जवान लड़के कुंवारे बैठे हैं. बहुत से मामलों में लड़के के परिवार वाले अक्सर दहेज देकर भी लड़की और उसके परिजनों को मनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी बात नहीं बनती. इस गांव के लोगों की उम्मीदें की पीएम मोदी की बिजली और शौचालय योजना से ही अब इस गांव की किस्मत बदल सकती है.
इस गांव में 19 साल पहले बिजली के खंभे और तार तो लग गए थे लेकिन आज तक बिजली नहीं आ पाई. शौचालय न होने की वजह से यहां की महिलाओं को भी भारी परेशानी होती है और या तो वे अंधेरे में या गांव से आधा किलोमीटर दूर जाकर शौच जाती हैं. बिजली के लिये स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन से गुहार भी लगायी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. विरोध स्वरूप आक्रोशित गांव वालों ने सोमवार को सपा विधायक अरुणा कोरी का पुतला भी फूंका. ग्रामीणों का कहना था कि केवल चुनाव के वक्त नेताओं को उनकी याद आती है और चुनाव जीतने के बाद वे सब भूल जाते हैं.