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खतरे में ‘आप’ के 21 विधायकों की सदस्यता, चुनाव आयोग से मांगा 6 हफ्ते का समय

एजेन्सी/ arvind-kejriwal-press-conference-pti_650x400_61460206941नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिवों ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर 6 हफ्ते का समय मांगा है। संसदीय सचिवों के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा को चिठ्ठी लिखकर उन सभी सुविधाओं या भत्तों की लिस्ट मांगी है, जो उनको मिल रहे हैं और जब यह जवाब आ जाएगा वे चुनाव आयोग भेज देंगे।

इस बारे में जब परिवहन मंत्री गोपाल राय से पूछा गया कि जब सरकार मानती है कि ये कोई लाभ का पद नहीं और संसदीय सचिव को फायदा नहीं ले रहे रहे तो फिर जवाब में इतनी देरी क्यों? तो उन्होंने कहा कि “सरकार इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है।”

इस मामले में एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए दिल्ली के एलजी नजीब जंग ने कहा था कि दिल्ली के 21 विधायकों पर सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि संसदीय सचिव का पद ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट के दायरे में आता है और कानून के हिसाब से दिल्ली में केवल 1 संसदीय सचिव हो सकता है और वह भी सीएम दफ्तर से जुड़ा।

आपको बता दें बीते साल मार्च में दिल्ली सरकार ने 21 विधायकों को अलग-अलग मंत्रालयों में संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिस पर इस साल मार्च में चुनाव आयोग ने 21 संसदीय सचिवों को नोटिस जारी करके पूछा था कि उनकी सदस्यता क्यों ना रद्द की जाए। इस नोटिस का जवाब 11 अप्रैल तक देना था।

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