केंद्रीय सड़क, परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने चारधाम केरास्तों से अंधे मोड़ों को खत्म करने केलिए 12 हजार करोड़ की परियोजना को हरी झंडी दे दी है। जल्द काम शुरू होगा।
ऋषिकेश से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाने के लिए पर्वतीय रास्तों पर अंधे मोड़ों की वजह से हादसे होते रहते हैं। खतरनाक मोड़ केदूसरे तरफ से अचानक वाहनों के आने से टक्कर होती है या फिर वाहन चालक संतुलन खो बैठता और वाहन गहरी खाई में गिरते हैं। अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि ये अंधे मोड़ ही नहीं रहेंगे।
ऋषिकेश से निकलने वाले चारों धामों के 889 किमी रास्तों पर लगभग 15 हजार अंधे मोड़ हैं। परियोजना रिपोर्ट में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम केअलावा कुमाऊं मंडल की टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड भी शामिल कर ली गई है।
यह सड़क डेढ़ सौ किमी लंबी है। टनकपुर-पिथौरागढ़ का यह रास्ता मानसरोवर की तरफ जाता है। मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों को राहत मिलेगी।
– गंगोत्री-268 किमी
– यमुनोत्री-239 किमी
– केदारनाथ-216 किमी
– बदरीनाथ-300 किमी
(कुल-दूरी 1,023 किमी है, इसमें 134 किमी रोड कॉमन है, बाकी अलग-अलग रास्तों की कुल दूरी-889 किमी है।)
ऐसे हटेंगे अंधे मोड़
अंधे मोड़ों को खत्म करने के लिए पहाड़ को काटा जाएगा और सड़क चौड़ी की जाएगी जिससे सामने से आने वाले वाहनों के आने का पता चले। जहां पहाड़ काटने की गुंजाइश नहीं होगी वहां खाई की तरफ सड़क के साथ रिटेनिंग वॉल बनाकर चौड़ा किया जाएगा।
चारधाम यात्रा केरास्ते पर लगभग 14-15 हजार अंधे मोड़ आते हैं। हर 50-60 मीटर पर एक अंधा मोड़ आ जाता है। परियोजना तैयार है। अब इन अंधे मोड़ों को हटाने का काम शुरू होगा।