उत्तर प्रदेशलखनऊ

खत्म ‌होगा सालों का इंतजार, सैकंडों लोगों को मिलेंगे मकान

flat-561643e9f12ff_exlstकानपुर रोड सेक्टर-ओ में 200 भूखंडों पर कब्जे का रास्ता खुल गया है। यहां करीब आठ-नौ साल से समायोजन विवाद, ले-आउट बदलने, अवैध कब्जे और गड्ढे में भूखंड होने से लोग परेशान हैं। अब विवाद निपटने के बाद उम्मीद है कि सभी को अगले एक महीने में कब्जा मिलना शुरू हो जाएगा।

मानसरोवर योजना के आवंटी कई साल से प्राधिकरण में धक्के खा रहे हैं। करीब 200 आवंटी परेशान हैं। भूखंडों की तय जगह पर गड्ढे होने की वजह से कई दर्जन प्लॉट लंबे समय से फंसे हुए हैं। इसके बाद कई भूखंडों के समायोजन में गड़बड़ियां हो गईं।

साल 2006 से इसी तरह की कई परेशानियों से घिरे आवंटियों की दिक्कतें दूर नहीं हो पा रहीं थीं। इसकी सबसे बड़ी वजह है यहां बसा दी गई अंबेडकर नगर बस्ती। जो करीब 18 भूखंड घेरे हुए है। इन्हीं सब वजहों से मानसरोवर योजना के प्लॉटों पर आवंटन और रजिस्ट्री के बावजूद आवंटियों को कब्जा दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। इस वजह से सालों से लोगों का आशियाना नहीं मिल पा रहा था।

करीब 18 महीने में एलडीए के अधिकारी आवंटियों के 18 प्लॉटों को खाली करवाने के लिए 18 कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। ऐसी ही एक कोशिश शुक्रवार को भी की गई, मगर पुलिस न मिलने का बहाना बना कर एक बार फिर अभियान नहीं चलाया गया है।

प्राधिकरण के सालों से आवंटित इन प्लाटों पर अंबेडकर नगर बस्ती है। मगर आवंटियों की अनेक शिकायतों के बावजूद यहां प्लाट नहीं खाली कराए जा सके हैं। जबकि, हाईकोर्ट के आदेश टास्कफोर्स के गठन के दावे भी एलडीए की ओर से किये जाते रहे हैं।

इन आवंटियों के लिए आंदोलन करने के सिवाय अब कोई रास्ता बाकी नहीं बचा है। एलडीए की सबसे अधिक भूमि अवैध कब्जे में कानपुर रोड योजना में फंसी हुई है। आवासीय से लेकर कामर्शियल भूखंडों पर बस्तियां तक बसी हुई हैं।

यहां सबसे बड़ा कब्जा प्राधिकरण के 18 प्लाटों पर है। यहां की अंबेडकर नगर बस्ती को खाली करवाने को लेकर अच्छा खासा हंगामा पहले भी हो चुका है। अनेक बार बार इस बस्ती को खाली कराने की घोषणा की जा चुकी है। मगर बस्ती खाली नहीं हो सकी है। अब आखिरकार इस बस्ती को खाली कराने के लिए जल्द ही जोरदार अभियान चलाने की बात प्राधिकरण कर रहा है।

प्राधिकरण के ओएसडी राजीव कुमार का कहना है कि इस कॉलोनी से जुड़े तमाम विवाद अब खत्म हो गए हैं। सभी भूखंडों की सही जगह तय हो चुकी है। एलडीए के अधिकारी ने बताया कि, अगले महीने से हम एक-एक कर के सभी आवंटियों को उनके भूखंडों पर कब्जा दे देंगे। विवादों का निस्तारण बहुत तेजी से किया जा रहा है।

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