महामहिम बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्यपाल केके पॉल ने उनका स्वागत किया। नौ बजे MI- 17 से राष्ट्रपति केदारघाटी के लिए रवाना हुए। उनके साथ राज्यपाल केके पॉल और उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद रहे।
नौ बजकर चालिस पर एमआई 17 ने केदारनाथ पहुंचा, लेकिन मौसम खराब होने के चलते नौ बजकर 55 मिनट पर गौचर में लैंडिंग की गई। जिसके बाद सुबह करीब 11 बजे वह गौचर से देहरादून के लिए रवाना हुए। जिसके बाद वह राजभवन गए।
इससे पहले राष्ट्रपति के 22 जून को केदारनाथ धाम के संभावित दौरे को देखते हुए आला अधिकारी स्वयं धाम में डेरा डालकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। मंगलवार को कमिश्नर सीएस नपलच्याल, आईजी संजय गुज्याल, जिलाधिकारी डा. राघव लंगर और एसपी पीएन मीणा, आईजी इंटेलीजेंस केदारनाथ पहुंचे।
उन्होंने वहां हो रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया और दिशा-निर्देश दिए। धाम में मंदाकिनी, सरस्वती और स्वर्गद्वारी नदी के संगम पर वीआईपी स्नानघाट का निर्माण पूरा कर उसे टाइल्स से सजा दिया गया है।
अधिकारियों की मौजूदगी में दोपहर बाद केदारनाथ में पुलिस और सुरक्षा बलों और अन्य विभागों ने तैयारियों की रिहर्सल की गई।
पैदल यात्रा प्रभावित नहीं होगी। हालांकि एमआई-26 हेलीपैड से लेकर मंदिर तक कड़े सुरक्षा के बीच यात्रियों को गुजरना पड़ा।
गौचर में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की केदारनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए हवाई पट्टी से लेकर आईटीबीपी कैंपस तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए थे। मौसम खराब होने की स्थिति में गौचर हवाई पट्टी और आईटीबीपी के हेलीपैड पर इमरजेंसी लैंडिंग की व्यवस्था की गई थी।