तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर एक नया खुलासा किया है। उनके मुताबिक खशोगी की हत्या मामले में जो ऑडियो उनके पास है, उसमें एक हत्यारे ने कहा है,”मुझे पता है कैसे काटना है।” ये ऑडियो तुर्की ने अमेरिका और यूरोपियन अधिकारियों के साथ साझा की है। एर्दोगन ने रियाध की भी आलोचना की कि इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या कैसे हुई। खशोगी अपनी मंगेतर से शादी करने वाले थे और इसी के लिए वह दस्तावेज लेने दूतावास गए थे।
खशोगी की हत्या के बाद पूरी दुनिया में सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान की आलोचना की गई। सीआईए ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि इस हत्या के लिए प्रिंस सलमान ने ही ऑपरेशन का आदेश दिया था।
बता दें खशोगी अमेरिकी निवासी थे और वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखते थे। उन्होंने सऊदी अरब के राजकुमार सलमान के शासन और उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ भी कई लेख लिखे थे। आखिरी बार वह 2 अक्तूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास के अंदर जाते हुए देखे गए थे। तुर्की के अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगता है कि दूतावास के अंदर खशोगी की हत्या कर दी गई है। उनकी हत्या की आलोचना पहले अमेरिका ने भी की थी। लेकिन बाद में ट्रंप ने भी कहा कि वह सऊदी से रिश्ते खत्म नहीं कर सकते। उन्होंने कहा था कि अगर वह ऐसा करते हैं तो इसका फायदा रूस और चीन उठा लेंगे।
इस्तांबुल में भाषण देते हुए एर्दोगन ने कहा, “अमेरिका, रूस, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, सबसे सुना है। ऑडियो में व्यक्ति साफ कह रहा है कि ‘मुझे पता है कि कैसे काटना है।’ वह आदमी एक सैनिक है। यह सब ऑडियो रिकॉर्डिग में है।”
इस्तांबुल से अभियोजक का कहना है कि खशोगी की हत्या बेहद निर्दयी तरीके से की गई थी। उनके शरीर के टुकड़े कर उन्हें नष्ट किया गया था। उनकी हत्या करने से पहले उनका गला दबाया गया था ताकि वह सांस ने ले पाएं। अभी तक उनके शव का कुछ पता नहीं चल पाया है। ऑडियो में ये भी सुनाई दे रहा है खशोगी कह रहे हैं, “मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं।”
इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी के आखिरी शब्द थे “मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं”। सीएनएन ने पत्रकार के जीवन के अंतिम क्षणों के ऑडियो टेप की प्रतिलिपी पढ़ चुके एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी थी। सूत्र ने ‘सीएनएन’ को बताया था कि प्रतिलिपी से स्पष्ट है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इस संबंध में पल-पल की जानकारी देने के लिए कई फोन भी किए गए थे।
‘सीएनएन’ ने कहा था कि तुर्की के अधिकारियों का मानना है कि ये फोन रियाद में शीर्ष अधिकारियों को किए गए थे और प्रतिलिपी के अनुसार खशोगी ने अपने आखिरी क्षणों में काफी जिद्दोजहद की थी। मूल प्रतिलिपी तुर्की की खुफिया सेवा ने तैयार की थी।
इस बीच, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने खशोगी की हत्या के संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की मांग को रविवार को खारिज कर दिया था। तुर्की के अनुसार सऊदी के 15 सदस्यीय दल को खशोगी की हत्या के लिए इस्तांबुल भेजा गया था।
रिकॉर्डिंग की ट्रांसक्रिप्ट में बताया गया है कि खशोगी ने मौत से पहले अपने हत्यारों का काफी विरोध किया था। वहीं मामले से जुड़ी ओरिजिनल ट्रांसक्रिप्ट तुर्की की जांच एजेंसी ने बनाई थी। तुर्की का कहना है कि खशोगी की हत्या के लिए सऊदी से 15 लोगों की एक टीम तो इस्तांबुल भेजा गया था। तुर्की इन्हीं संदिग्धों की मांग कर रहा है। लेकिन सऊदी ने संदिग्धों के भेजने की मांग को मानने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट में ट्रांसक्रिप्ट से ये दावा किया गया है कि सऊदी मानता है कि ये ऑपरेशन गलत हो गया था।
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