मटरू का पत्नी मीना से विवाद चल रहा था। डेढ़ साल पहले मीना अपनी चार वर्षीय बेटी रिमझिम को लेकर पारा के कुल्हड़कट्टा स्थित मायके चली गई और मटरू के खिलाफ कोर्ट में दहेज प्रताड़ना और रखरखाव का मामला दर्ज करा दिया। मटरू कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था।
करीब 15 दिन पहले कोर्ट ने उसके खिलाफ समन जारी कर दिया। हालांकि, राजकुमार इसके बाद भी पेश नहीं हुआ। शुक्रवार सुबह गांव में दो पुलिसकर्मी आए और मटरू के बारे में पूछने लगे। इसकी जानकारी मटरू को मिली तो वह दहशत में आ गया।
धक्का देकर दरवाजा खोला गया तो भीतर मटरू का शव फंदे से लटका देख चीख-पुकार मच गई। रामदेई का कहना है कि मटरू पुलिस से बहुत डरता था। उसे लगता था कि पुलिस उसे पकड़कर जेल में बंद कर देगी।
शायद इसीलिए उसने फांसी लगाकर जान दे दी। उधर, काकोरी पुलिस का कहना है कि सिपाही गन्ना लेने के लिए गांव गए थे और उन्होंने मटरू के बारे में किसी से कोईपूछताछ नहीं की। मटरू को डराने के लिए किसी ने उसे झूठी जानकारी दी होगी।
रामदेई ने बताया कि मटरू की पहली पत्नी रामकली की 2008 में मौत हो गई थी। रामकली दरअसल उसके बड़े भाई कृपा शंकर की पत्नी थी।
कृपा शंकर की मौत के बाद मटरू ने अपनी भाभी से शादी कर ली थी। उसकी मौत के बाद उसने कुल्हड़कट्टा गांव की मीना गौतम से प्रेम विवाह किया। पहली पत्नी से उसके चार बेटी राजदेवी, सविता, राधा और रोली हैं जबकि दूसरी पत्नी से चार साल की बेटी रिमझिम है। पहली पत्नी से दो बेटियों की शादी हो चुकी है।