नई दिल्ली : भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं| लेकिन उन्हें जानने वाले आज एक राजनेता के तौर पर तो उन्हें याद किया जा रहा है | बात अगर हो खानपान को लेकर कहें, तो उनका शौक भी उनके करीबी सहयोगियों और पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बना रहा है| खास तौर पर मिठाइयों और सी-फूड को लेकर जिसमें झींगा उन्हें खास तौर पर पसंद था|
खाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की दीवानगी का आलम यह था, कि एक बार आधिकारिक भोज के दौरान उन्हें गुलाब जामुन से दूर रखने के लिये उनके सहयोगियों को उनका ध्यान वहां से हटाने के लिये बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित को वहां तैनात करना पड़ा था| वरिष्ठ पत्रकार “राशिद किदवई” याद करते हैं, कि प्रधानमंत्री रहते वाजपेयी ने एक आधिकारिक भोज के दौरान कैसे सख्त परहेज पर रहने के दौरान भी खाने के काउंटर का रुख कर लिया| इसके बाद उनके सहयोगियों ने एक योजना बनाई| उन्होंने प्रधानमंत्री को फौरन वहां मौजूद दीक्षित से मिलवाया और जल्द ही फिल्मों के बेहद शौकीन वाजपेयी खाने की बात भूलकर काफी देर तक उनसे फिल्मों के बारे में बात करते रहे| किदवई याद करते हुए कहते हैं, इस बीच उनके सहयोगियों ने तेजी से उनकी कतार से मिठाइयां हटा दीं| वाजपेयी के साथ काम कर चुके “नौकरशाह” कहते हैं, कि वह जहां कहीं भी जाते थे, वहां के स्थानीय पकवान का स्वाद चखने पर जोर देते थे| नौकरशाह ने कहा, ऐसे में यह कोलकाता में पुचका, हैदराबाद में बिरयानी और हलीम और लखनऊ में गलावटी कबाब होते थे| वह खास तौर पर चाट मसाले के साथ पकौड़े और मसाला चाय पसंद करते थे| उनकी करीबी लोग याद करते हैं, कि कितने शौक से वह हर खाना खाते थे| एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि कई मौकों पर उन्हें और उनके साथी पत्रकारों को खुद वाजपेयी जी के हाथों से पकाए पकवान खाने का मौका मिला| कम से कम एक व्यंजन हमारे लिये पकाते थे| वह चाहे मिठाई हो या कुछ मांसाहारी| एक करीबी सहयोगी ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान वाजपेयी नमकीन मूंगफली खाते रहते थे, और चाहते थे कि जब भी उनकी प्लेट खाली हो, उसे फौरन भर दिया जाए| एक करीबी सहयोगी ने यह भी बताया लालजी टंडन उनके लिये लखनऊ के चौक इलाके से कबाब लेकर आते थे| केंद्रीय मंत्री विजय गोयल उनके लिये पुरानी दिल्ली से बेड़मी आलू और चाट लेकर आते थे| उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश से उनके लिये झींगा लाते थे|