पर्यटन
खास मकसद के लिए दिल्ली में इस जगह मां दुर्गा ने लिया था जन्म
शायद आपको ना पता हो लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में भी एक ऐसी जगह है जहां देवी दुर्गा ने अवतार लिया था।
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वो जगह अब दिल्ली में एक बहुत बड़े और विख्यात मंदिर के रूप में पहचाना जाता है।
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मां दुर्गा के इस अवतार के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है।
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मां दुर्गा ने महिषासुर को मारने के लिए कात्यायिनी रूप में जन्म लिया था। ये मां के नौ रूपों में छठा स्वरूप है। मां कात्यायिनी के जन्म की कथा कुछ इस प्रकार है कि संत कात्याया ने मां दुर्गा की बहुत लंबे समय तक तपस्या कर उनसे वरदान मांगा था कि वो उनके घर बेटी रूप में जन्म लें।
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संत कात्याया की घोर तपस्या पर प्रसन्न होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं ने मिलकर मां दुर्गा को संत कात्याया की बेटी कात्यायिनी के रूप में जन्म लेने के लिए धरती पर भेजा था।
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इन्हीं मां कात्यायिनी ने धरती पर आकर महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था और इसलिए मां का नाम महिषासुरमर्दिनी पड़ गया।
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मां ने कात्यायिनी देवी के रूप में जहां जन्म लिया था वो आज दिल्ली के छतरपुर मंदिर के रूप में जाना जाता है।
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यहां स्थित मां का मंदिर बहुत विख्यात है। यहां की बहुत मानता है।
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कहते हैं कि यहां स्थित कल्पवृक्ष में धागा या चूड़ी-कंगन बांधने से लोगों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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जब लोगों की मनौती पूरी हो जाती है तो लोग आकर ये धागा या चूड़ी खोल देते हैं। इस मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है।