पीओके के डेढ़ दर्जन से अधिक लांचिंग पैड पर 200 आतंकी अब भी घुसपैठ की ताक में हैं लिहाजा सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुईं हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हमलावरों ने जल्दीबाजी में अंधाधुंध गोलियां चलाकर भागने की रणनीति अपनाई, इससे लगता है कि वे अंधेरे में ही पीओके वापस लौटने की रणनीति पर काम कर रहे थे। इस हमले में तीन मजदूरों की मौत हुई।
उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने घुसपैठ के ताजा प्रयासों और बैट हमले की आशंका जताते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के अनुसार 2016 में 108 आतंकी घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल होने में सफल रहे।
नए साल में यह संख्या पांच बताई जा रही है। पिछले साल घुसपैठ के 203 प्रयास हुए थे जिसमें 27 आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ी। धुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों में से सिर्फ दो की ही गिरफ्तारी हो पाई।
आतंकी हमलों की सुरक्षा बलों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। हमलों में पिछले साल में 60 जवान शहीद हुए और 104 घायल हुए हैं। इससे पहले 2014 में 26 और 2015 में 39 जवान शहीद हुए थे। पिछले साल सुरक्षा बलों ने 146 आतंकियों को ढ़ेर किया। इस क्रम में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच 97 मुठभेड़ हुईं।