खुलासा: संदेसरा परिवार के नाम से चल रही हैं 174 शेल कंपनियां
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को 8 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज की गई इस चार्जशीट में 7 लोगों को नामजद किया गया है. यह चार्जशीट 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दाखिल की गई है. इस घोटाले में गुजरात की स्टर्लिंग बायोटेक टेक कंपनी का नाम भी शामिल है.
अभी तक जांच एजेंसी ने इस मामले में 191 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इसमें 7 शख्स और 184 कंपनियां शामिल हैं. एडिशनल सेशंस जज सतीश कुमार अरोड़ा की पीठ के सामने अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई है. इसमें बताया गया है कि आरोपियों ने बैंकों को ठगने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचा था.
इसी बीच, कोर्ट ने इस मामले के एक आरोपी रंजित मलिक उर्फ जॉनी को जमानत दे दी है. जॉनी को दिल्ली में एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को राकेश चंद्रा नाम के शख्स के जरिये 25 लाख रुपये भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने चार्जशीट पर विचार करने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है. इससे पहले कोर्ट ने स्टर्लिंग बायोटेक टेक के निदेशक नितिन जयंतीलाल संदेसरा, चेतन जयंतीलाल संदेसरा और उसकी पत्नी दीप्ति चेतन संदेसरा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था.
ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर नितेश राणा और डीपी सिंह की तरफ से यह चार्जशीट मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की तहत दाखिल की गई है. चार्जशीट में कंपनी को आंध्रा बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से लोन लेने की बात कही गई है. जो बाद में बैड लोन अथवा गैर-निष्पादित संपत्ति हो गई.
आरोपियों में स्टर्लिंग ग्रुप के संदेसरा, राजभूषण दीक्षित, हितेन पटेल, चार्टर्ड अकाउंटंट हेमंत हाथी और गगन धवन का नाम शामिल है. इसमें शामिल कंपनियों की बात करें तो इसमें स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, पीएमटी मशीन्स लिमिटेड, स्टर्लिंग एसईजेड और इंफ्रा लिमिटेड, स्टर्लिंग पोर्ट लिमिटेड, स्टर्लिंग ऑइल रिसोर्सेज लिमिटेड और 174 शेल कंपनियां शामिल हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि इन्होंने अपनी बैलेंसशीट में आंकड़ों का खेल किया. इसके बूते ही बैंक ने इन्हें बड़ी रकम लोन के रूप में दी.