खुशखबरी: अब अपनी कार से आप भी कर सकेंगे 25-30 हजार की कमाई
अब सरकार आपको घर बैठे पैसे कमाने का मौका दे सकती है. यह कोई सरकारी स्कीम या सरकार की किसी योजना का हिस्सा नहीं है बल्कि, आपकी पर्सनल कार के जरिए आप ऐसा कर पाएंगे. दरअसल, सरकार की टैक्सी परमिट की नई पॉलिसी पर विचार कर रही है. अगर यह लागू होती है तो आप अपनी प्राइवेट कार का इस्तेमाल ओला और उबर के प्लेटफॉर्म पर इनकम के लिए कर पाएंगे. उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द इस पर फैसला ले सकती है.
रेगुलर इनकम का साधन बनेगी कार
नई टैक्सी परमिट नियमों में ओला और उबर के साथ जुड़कर आप अपनी कार से नियमित कमाई कर सकेंगे. आपको बता दें कि ओला और उबर के साथ जुड़कर हर महीने आसानी से 25 से 30 हजार रुपए तक की इनकम की जा सकती है.
क्या है मौजूदा नियम
माना जा रहा है कि टैक्सी परमिट के नियमों के आसान होने से कोई भी कार मालिक अपनी कार आसानी से ओला और उबर के साथ जोड़ सकता है. मौजूदा समय में अगर कोई भी अपनी कार टैक्सी की तरह इस्तेमाल करना चाहे तो उसे कई तरह के अप्रूवल और क्लीयरेंस लेने के अलावा कमर्शियल इस्तेमाल के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इन सबमें बहुत ज्यादा खर्च और समय लग जाता है. वहीं, सबको परमिट मिल भी नहीं पाता. ऐसे में सरकार के एक फैसले से प्राइवेट कार मालिकों को भी इनकम का मौका मिलेगा.
नीति आयोग की वेबसाइट पर डाली गई रिपोर्ट
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, हाल ही में सरकार ने इस मामले में एक टीम बनाकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. टीम ने रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंप दी है. सरकार ने इसे नीति आयोग की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक किया है. दरअसल, सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना चाहती है. साथ ही उसका उद्देश्य है कि इसके तहत आम लोगों को भी इनकम का नया साधन मिले.
कैसे होगी कमाई
ओला-उबर के साथ जुड़ने के बाद अगर पीक आवर्स के दौरान कार की बुकिंग की जाती है तो सिंगल राइड पर 200 रुपए से 250 रुपए तक इंसेंटिव मिलता है. ओला-उबर की सर्विस कैटेगरी में सुबह 7 से 12:30 और शाम को 5 से 11 बजे तक के समय को पीक आवर्स माना गया है. अगर दिन में 12 राइड पूरी करते हैं तो कंपनी की ओर से एक तय इंसेंटिव भी आपको मिलेगा. यह 1000 रुपए तक हो सकता है. वहीं, 7 राइड पूरी होने पर मिनिमम 700 रुपए तक बोनस अलग से मिल सकता है.
एयरपोर्ट ड्रॉप का अलग से बोनस
एयरपोर्ट ड्रॉप पर ओला और उबर दोनों ही बोनस देती है. इसके अलावा कुछ एक्सटरनल बोनस भी होते हैं, जो मंथली बेसिस पर अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. हालांकि, आपको बता दें कि कंपनियां बोनस और अन्य सर्विसेज में बदलाव करती रहती हैं.