खुशखबरी: योगी सरकार के अधिकारियों को मिलेंगे पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश मायावती के बंगले
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगलों को खाली करवा लिया गया. अब उन बंगलों को यूपी सरकार के बड़े अधिकारियों को देने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि कुछ महीने पहले सर्वोच्च अदालत के आदेश पर अखिलेश यादव और मायावती सहित राज्य के पूर्व मुख्मंत्री राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, नारायण दत्त तिवारी और मुलायम सिंह के बंगलों को खाली करवाया गया था.
माना जा रहा था कि इन बंगलों में योगी सरकार के खास मंत्रियों को जगह मिलेगी, लेकिन अगर सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार इन बंगलो को मंत्रियों की जगह अफसरों को देने पर विचार कर रही है. बता दें कि अखिलेश यादव और मायावती के बंगलों को भी खाली करवाया गया था लेकिन अभी उन दोनों बंगलों पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
इन अधिकारियों को बंगला देने पर हो रहा विचार
जिन अधिकारियों को बंगला देने की बात चल रही हैं उनमें प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को गृहमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह का बंगला दिया जा सकता है. अध्यक्ष राजस्व परिषद प्रवीर कुमार को लखनऊ के मॉल एवेन्यू में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का बंगला दिया जा सकता है. वहीं मुलायम सिंह का बंगला एपीसी डॉ. प्रभात कुमार को देने पर विचार चल रहा है.
जानकारी के मुताबिक इस बारे में राज्य सम्पत्ति विभाग ने अपनी तरफ से बंगलों की सुविधाओं और कैटेगरी के बारे में सरकार को बता दिया है. अब सरकार की तरफ से फैसला होना है कि आखिर कब इन बंगलों का आबंटन किया जाये . हालांकि योगी सरकार के तमाम बड़े मंत्रियों की पहले से ही इन बंगलों पर निगाह थी.
योगी के मंत्री ने पत्र लिखकर की थी बंगले की मांग
आपको बता दें कि यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कुछ समय पहले मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की थी कि उन्हें 4 विक्रमादित्य मार्ग या 5 विक्रमादित्य मार्ग में से कोई एक बंगला आवंटित किया जाए. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जो बंगला अभी उनके पास है वह आने वाले मेहमानों के हिसाब से काफी छोटा है इसलिए बड़ा बंगला दिया जाए. बता दें कि इनमें से 5 विक्रमादित्य मार्ग अखिलेश यादव के पास था, जिसको लेकर हाल ही में काफी बवाल मचा था.
अखिलेश यादव और मायावती के बंगलों पर फैसला नहीं
इस फैसले से अभी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती को बंगले को अलग रखा गया है. सूत्रों की मानें तो ये बंगले काफी बड़े एरिया में बने हैं, लिहाजा सरकार इन बंगलों को दो भागों में बांटने पर विचार कर रही है, जिससे बाद में इन्हे दो लोगों को दिया जा सके. बहरहाल बंगलों के मामले में पहले ही काफी विवाद हो चुका है लिहाजा सरकार अपने दामन पर कोई दाग नहीं लगने देना चाहती इसी के चलते मंत्रियों की बजाय अफसरों को बंगले देने का फैसला किया गया है.