उत्तर प्रदेशलखनऊ

खुशखबरी: 11 कॉलेजों में बढ़ेंगी बीएड की सीटें

student-shimla_1457673126बीएड के प्रति स्टूडेंट्स के बढ़ते रुझान को देखकर एक बार फिर से कॉलेजों का मोह भी यह कोर्स चलाने की तरफ बढ़ता दिख रहा है। इसी का असर है कि आगामी सत्र में दाखिले के लिए होने वाली बीएड काउंसलिंग में इस साल राजधानी के 11 नए कॉलेजों का विकल्प अभ्यर्थियों के पास होगा।
 

इन कॉलेजों के जुड़ने से राजधानी में बीएड की 900 सेल्फ फाइनेंस की सीटें बढ़ जाएंगी। इन कॉलेजों के संबद्धता प्रस्ताव को लखनऊ विश्वविद्यालय ने स्वीकृति दे दी है। 

जल्द ही विवि से संबद्ध बीएड कॉलेजों की पूरी सूची बीएड प्रवेश समन्वयक प्रो. वाईके शर्मा को भेजी जाएगी। नई सीटों के शामिल होने से राजधानी में बीएड कॉलेजों की संख्या 50 से बढ़कर 61 हो जाएगी।

इन कॉलेजों में करीब 5200 सीटें हैं। फिलहाल विवि कॉलेजों और सीटों का ब्यौरा तैयार कर रहा है। विवि के उप कुलसचिव व वर्तमान में कार्यवाहक कुलसचिव राम कुमार ने बताया कि बीएड कोर्स जिन 11 कॉलेजों में इस साल से शुरू होगा उसमें चार बिलकुल नए संस्थान हैं, जबकि सात ऐसे हैं जहां पहले से दूसरे कोर्स चलते हैं, वहां इस साल से बीएड भी चलेगा।
नए संस्थानों में यशराज इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में 100 सीटें, जबकि इरम कॉलेज कुर्सी रोड, गया प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ हृयूमन एक्सीलेंस मलिहाबाद और श्री कृष्ण दत्त एकेडमी में 50-50 सीटें हैं।

इसके अलावा सुरजन देवी अनुसूइया देवी डिग्री कॉलेज गंगागंज में 50 के अलावा आईटीएम कॉलेज ऑफ एजुकेशन बीकेटी, सिटी कॉलेज चिनहट, सिटी गर्ल्स कॉलेज शारदा नगर, सिटी वीमेन्स कॉलेज जानकीपुरम, इरम कॉलेज राजाजीपुरम और मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन बिजनौर में 100-100 बीएड सीटों की अनुमति दी गई है।

पिछले वर्ष तक सीटें न भरने से परेशान कॉलेजों में इस साल बीएड के आवेदन बढ़ने को लेकर काफी उत्साह है। इसका कारण अभ्यर्थियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होना है। 

इस साल प्रदेशभर में 3,03,032 अभ्यर्थियों ने बीएड के लिए आवेदन किया जो कि पिछले वर्ष से करीब सवा लाख अधिक था। इनमें से करीब 45,525 परीक्षा में अनुपस्थित रहे। 

लखनऊ की बात करें तो 28,107 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया जिसमें 3770 अनुपस्थित रहे। यह संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना करीब 10 हजार अधिक है। यही कारण है कि इस साल बीएड कोर्स चलाने में कॉलेजों को फिर से लाभ नजर आने लगा है।

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रदेश भर के विद्यालयों में जूनियर व प्राइमरी शिक्षकों के लगभग सवा चार लाख पद हैं। इनमें से करीब तीन लाख खाली हैं। इसी तरह सेकंडरी एजुकेशन व हायर एजुकेशन में भी पद खाली हैं। 

लविवि के डीन व हेड एजुकेशन प्रो. मोरध्वज वर्मा का कहना है बेसिक शिक्षा विभाग के प्रदेश भर के विद्यालयों में जूनियर व प्राइमरी शिक्षकों के लगभग चार लाख पद हैं। इनमें से करीब तीन लाख खाली हैं।

इसी तरह सेकेंडरी एजुकेशन व हायर एजुकेशन में भी पद खाली हैं।  इसी वजह से बीएड कोर्स में रुझान बढ़ा है। एक कारण यह भी है कि अधिकतर बीएड के सेल्फ फाइनेंस कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में खुले हैं। उन क्षेत्रों के जो लोग पहले लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं भेजते थे वह करीब ही प्रवेश दिलाने लगे हैं, जिससे मांग बढ़ी है।

 
 

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