खुशखबरी: LIC की तर्ज पर बीमा कंपनी बनाएगा डाक विभाग
विश्व डाक विभाग दिवस के कार्यक्रम के दौरान संचार मंत्री ने कहा कि विभाग ना सिर्फ राजस्व को बढ़ाने के लिए बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सेवाएं पहुंचाने के लिए बहुआयामी स्तर पर काम कर रहा है। पासपोर्ट, बिजली, बैंकिंग सेवाओं में आगे बढ़ने के साथ अब विभाग बीमा कंपनी बनाने जा रहा है। आने वाले समय में एलआईसी की तर्ज पर डाक विभाग भी बीमा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों तक खासतौर पर डाक विभाग जैसी पहुंच किसी विभाग की नहीं है।
डाकघरों में ही बन रहे हैं पासपोर्ट व आधार
सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग ने हरेक लोकसभा सीट में पासपोर्ट सेवा मुहैया कराने का वायदा विदेश मंत्रालय के साथ किया था, जिसके तहत अब तक 221 स्थानों में पासपोर्ट डाकघर बनाए जा रहे हैं। साथ ही 421 अन्य स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है, जिनमें से कुछ स्थानों पर जगह की समस्या है। जल्द ही समस्याओं का समाधान कर इन स्थानों पर सेवाएं शुरू कर लोगों को उनके घर के पास ही पासपोर्ट मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 15 लाख लोगों को डाकविभाग पासपोर्ट मुहैया करा चुका है। वहीं आधार की जिम्मेदारी निभाने में विभाग के 13,552 केंद्रों ने 21 लाख आधार का निर्माण व अपडेट किया है।
पार्सल सेवा क्षेत्र में 10 फीसदी की हिस्सेदारी करेगा विभाग
उन्होंने कहा कि विभाग की पार्सल सेवाएं बेहतर करने के लिए अलग निदेशालय बनाया गया है। डाक विभाग की पार्सल सेवाओं में मौजूदा हिस्सेदारी 3 से 4 फीसदी है, जो आगामी वर्ष तक 10 फीसदी होने की उम्मीद है। निजी क्षेत्र की तर्ज पर तेज सेवाएं मुहैया कराने के कदमों पर निदेशालय विभिन्न स्तरों पर तत्काल निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि विभाग में अच्छी सेवाएं मुहैया कराने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए मेघदूत अवार्ड को फिर से शुरू किया जा रहा है।
ताकि अधिकारी और कर्मचारियों में बेहतर सेवाएं देने की मिसाल मिले और डाकविभाग लोगों की नजरों में अलग अहमियत हासिल कर सके। संचार मंत्री सिन्हा ने कहा कि देश में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अब तक 1.46 करोड़ खाते खोले गए हैं, जिनमें से 95 फीसदी खाते खोलने में विभाग का योगदान है। उन्होंने कहा कि अब तक 1.75 लाख गांवों का सर्वेक्षण विभाग ने किया है और करीब 2.2 लाख गांवों का सर्वे महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर किया जाएगा। इस दौरान 606 नए डाकघर भी खोले जाएंगे।