जम्मू-कश्मीर में एक खतरनाक आतंकी को ढेर करने वाले हिमाचल के 26 वर्षीय सपूत कैप्टन माणिक शर्मा को सेना के वीरता पदक से नवाजा जाएगा। उनकी बहादुरी एवं अदम्य साहस के लिए रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर उन्हें सेना मेडल से नवाजने की घोषणा की है। वीरता पदक दिए जाने पर उनका परिवार ही नहीं, पूरा प्रदेश नाज कर रहा है। माणिक के मनोहर शर्मा और माता नीना शर्मा अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व महसूस कर रहे हैं। बता दें कि जुलाई 2016 में एक गुप्त सूचना के आधार पर कैप्टन माणिक शर्मा, मेजर संदीप कुमार और नायक अरविंद सिंह चौहान ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से 18 किलोमीटर दूर आतंकियों को एक मकान में घेर लिया।
जवानों के वहां पहुंचने की सूचना लीक हो गई थी। इस कारण उन्हें उस घर तक पहुंचने में लोगों के भारी विरोध और पथराव का सामना करना पड़ा था। भीड़ का फायदा उठाकर आतंकी गोलीबारी कर रहे थे। लोगों के विरोध के बावजूद कैप्टन माणिक घर का मुख्य दरवाजा तोड़ अंदर घुस गए और वहां छिपे आतंकवादियों को ढेर कर दिया।
कैप्टन माणिक शर्मा का जन्म हमीरपुर शहर में 3 फरवरी 1989 को हुआ। डीएवी स्कूल हमीरपुर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद सुंदरनगर के क्षेत्रीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। सितंबर 2011 को सेना की राष्ट्रीय राइफल में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए।
उनकी माता नीना शर्मा अमरोह स्कूल में प्रधानाचार्य जबकि पिता मनोहर शर्मा नगर नियोजन विभाग में इंजीनियर हैं। माणिक शर्मा बचपन से ही शर्मीले स्वभाव के थे। इकलौती संतान होने के बावजूद माणिक के माता-पिता का सपना था कि उनका बेटा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करे। उनके ताया सेवानिवृत्त कर्नल ओम प्रकाश शर्मा ने उन्हें प्रेरित किया।
कैप्टन माणिक शर्मा के पिता मनोहर शर्मा ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। माणिक को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था। उन्होंने आशा जताई कि उनका बेटा आगे भी निर्भिकता से देश की सेवा करता रहेगा। माता नीना शर्मा ने कहा कि मेरे बेटे ने वीरभूमि का कर्ज उतार दिया है।
अनंतनाग में जिस आतंकी को कैप्टन और उनकी टीम ने मार गिराया था, उसके बाद घाटी में काफी दिनों तक बवाल भी हुआ था। जेएंडके की विधानसभा में हंगामा हुआ। दरअसल, एनकाउंटर के बाद अलगाववादियों ने उसे शहीद बताकर सेना के खिलाफ कई दिन तक प्रदर्शन किया। कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुए और करीब महीने भर तक घाटी में कर्फ्यू भी लगा रहा।
महिला मित्र की बदौलत आतंकी तक पहुंची सेना
बताया जाता है कि जिस आतंकी को टीम ने मारा वह घाटी में युवाओं में खासा लोकप्रिय था। इसकी आड़ में उसने कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध भी बनाए थे। इन्हीं संबंधों की पड़ताल के दौरान ही सेना को उसकी गतिविधियों की जानकारी मिली। उसके एक साथी और एक महिला मित्र से मिली सूचनाओं के आधार पर ही सेना आतंकी तक पहुंच पाई।