‘खूबसूरती पाने के लिए महिलाएं चेहरे पर लगाएं गाय का गोबर’
अहमदाबाद। गुजरात गो सेवा और गोचर विकास बोर्ड की एक अपील ने महिलाओं को असमंजस में डाल दिया है। बोर्ड ने मिस्र की टालमी वंश की यवन रानी क्लियोपेट्रा की खूबसूरती का उदाहरण देते हुए महिलाओं को खूबसूरत त्वचा पाने के लिए गाय के घी, दूध, गोबर और मूत्र को फेशियल ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने की अपील की है।
बोर्ड ने कहा, मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला मानी जाती थीं और दूध से नहाती थीं। गुजरात गो सेवा और गोचर विकास बोर्ड के चेयरमैन वल्लभ कठीरिया से जब पूछा गया कि क्या क्लियोपेट्रा वाकई गाय के दूध से नहाती थीं? तो उन्होंने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘हां, वह शायद गाय के दूध से नहाती थीं। ऐतिहासिक दस्तावेजों की मानें तो यह प्रचलित है कि क्लियोपेट्रा गधी के दूध से नहाया करती थीं।’
बोर्ड की वेबसाइट में ‘आरोग्य गीता’ के नाम से एक एडवाइजरी मौजूद है, जिसमें कई तरह की बीमारियों के घरेलू उपचार बताए गए हैं। उसमें बताया गया है कि इन उपचारों पर इटली, रूस और अमेरिका में रिसर्च हुई है और यह सिद्ध हुआ है कि बीमारियों से लड़ने के लिए गोमूत्र, गाय के दूध और गोबर से बने उत्पाद काफी कारगर हैं।
‘आरोग्य गीता’ में मौजूद फेशियल ट्रीटमेंट वाले भाग का शीर्षक है ‘गोमूत्र, महिलाओं के शाश्वत सौंदर्य के लिए आवश्यक उपचार’। इसमें कहा गया है कि खूबसूरत त्वचा पाने के लिए महिलाएं पहले गाय के दूध को घी और हल्दी के साथ मिलाकर 15 मिनट तक चेहरे पर मलें। इसके बाद गाय के गोबर को चेहरे पर लगाने को कहा गया है। जब यह लेप सूखने लगे तो नीम के पानी से चेहरे को धोने की सलाह दी गई है।
इसमें आगे लिखा गया है, ‘सुंदरता पाने के ये प्राकृतिक उपचार आपको ऐसी चमकदार और खूबसूरत त्वचा देंगे जो मेकअप की कई लेयर्स नहीं दे सकतीं। पंचगव्य (गोमूत्र) उपचार महिलाओं को आकर्षक, चमकदार और खूबसूरत व्यक्तित्व देता है।’
सबसे मजेदार बात यह है कि बोर्ड जिस स्वदेशी उपचार की बात कर रहा है वह सब विदेश में हुए शोधों के आधार पर कर रहा है। लोगों का भरोसा जीतने के लिए बोर्ड विदेशी शोधकर्ताओं के शोध का हवाला देते हुए यह बता रहा है कि गाय के उत्पादों से खूबसूरती कैसे पाई जा सकती है।