गंगा किनारे के इस गांव में 71 सालों से नहीं आई बारात, वजह जानकर हैरान रह जायेगे…
कौशाम्बी जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां पिछले 71 सालों में लोगों के दरवाजे पर कभी बारात नहीं आई. आज भी गंगा के किनारे बसा ये गांव विकास की राह देख रहा है. अफसरों की लापरवाही और नेताओं की उपेक्षा के शिकार इस गांव में आज भी कोई शख्स बीमार होता है तो उसे ग्रामीण चार किलो मीटर पैदल लेकर जाते है.
उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला
यूपी के सबसे पिछड़े जिले में गिने जाने वाले कौशाम्बी के गंगसरी गांव आजादी के पहले से गंगा नदी के किनारे पर बसा हुआ है. सरकारी आंकड़ों में गांव की आबादी करीब 1500 है, लेकिन गांव के मुख्य मार्ग एक पगडण्डी ही है. रास्ता इतना सकरा कि लोग न तो अपनी बेटी का ब्याह इस गांव में करना चाहते हैं और न बेटी गांव से विदा हो पाती है.
रिश्तेदारों के घरों से होती है शादी
गांव के रास्ते इतने सकरे हैं कि न तो बेटी की डोली को विदा कर सकते हैं और न ही बेटे की बारात ले जा सकते हैं. इसलिए जब भी बच्चों की शादी की बात होती है, तो रिश्तेदारों की मदद लेनी पड़ती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि इसी वजह से पिछले 71 सालों से उनके गांव में कोई बारात नहीं आई है.
चार किलोमीटर बाद मिलते हैं वाहन
स्थानीय लोगों ने बताया कि रास्ता छोटा और सकरा होने की वजह से वाहन गांव में नहीं आ पाते. गांव के लोगों को कराब 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, जिसके बाद ही आने-जाने के लिए वाहन मिल पाता है.
अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
गंगसरी गांव के लोगों की समस्या के बारे में जब अधिकारी से पूछा गया, तो जिला अधिकारी मनीष वर्मा ने कहा कि गांव वालों ने रास्ते को लेकर शिकायत की है. मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं.