गंगा को स्वच्छ करने के कार्य को जन आंदोलन जरूरी : नितिन गडकरी
नई दिल्ली : भारत के व्यापार एवं उद्योग जगत की हस्तियों ने नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा नदी के आसपास स्थित विभिन्न स्थलों पर घाटों, नदी के मुहानों, शवदाहगृह और पार्कों जैसी विभिन्न सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये की सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन व राजमार्ग और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी ने आज मुंबई में कारोबार जगत की हस्तियों से संवाद किया और उनसे स्वच्छ गंगा मिशन में भाग लेने की अपील की। इस संवाद का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा किया गया।
नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा को स्वच्छ करने के कार्य को एक जन आंदोलन का स्वरूप दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह जानकारी दी कि विश्व भर के अनेक लोगों ने स्वच्छ गंगा के लिए सहायता देने का संकल्प व्यक्त किया है और बड़ी उदारता से दान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कठोर कानून बनाए जाएंगे। पिछले सप्ताह लंदन में मिली इसी तरह की व्यापक सफलता के कुछ ही समय बाद मुंबई के कारोबारी समुदाय ने भी अपनी ओर से सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि एनएमसीजी द्वारा आयोजित एक रोड शो के दौरान गडकरी के साथ संवाद के बाद लंदन में भारतीय मूल के उद्यमियों ने नमामि गंगे मिशन के लिए बड़े उत्साह के साथ सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। विभिन्न घाट, शवदाहगृह, पानी के झरने, पार्क, स्वच्छता सुविधाएं, सार्वजनिक सुविधाएं और नदी के मुहाने विकसित करने से संबंधित 2500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा राशि की लागत वाली परियोजनाओं के निजी वित्त पोषण के लिए अनुरोध किया जा रहा है। इन परियोजनाओं की एक सांकेतिक सूची एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित की गई है और ये राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की वेबसाइट पर भी ई-बुकलेट के रूप में उपलब्ध हैं। सरकार कारोबारी समुदाय से नमामि गंगे मिशन में भाग लेने की अपील कर रही है, ताकि वे अपनी पसंदीदा परियोजनाओं का वित्त पोषण करें और इस तरह गंगा को स्वच्छ करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।