गंगा नदी में प्रदूषण की अहम वजह हैं शव और…: आईटीबीपी
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नई दिल्ली : आईटीबीपी के अन्वेषण दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सैकड़ों की संख्या में तैर रहे मानव और पशुओं के शव, तटों पर दाह संस्कार और मुख्य धारा में पानी का कम बहाव गंगा नदी के प्रदूषण के मुख्य कारणों में से हैं।
अपने 2,350 किलोमीटर लंबे इस अभियान के दौरान यह दल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल गया। इस दौरान आईटीबीपी की टीम ने गंगा में कम से कम 20 मानव शव, विभिन्न पशुओं के 200 कंकाल और करीब 100 अधजले मानव शव गंगा नदी के तटों के पास पड़े हुए देखे।
आईटीबीपी के कमांडेंट सुरीन्दर खत्री के नेतृत्व वाली इस टीम ने पाया कि ‘गंगा का 90 प्रतिशत पानी सिंचाई योजनाओं में जाता है’ जिसके कारण मुख्यधारा में पर्याप्त मात्रा में जल नहीं है।। रिजीजू ने कहा कि गंगा में प्रदूषक और अपशिष्ट की मौजूदगी ‘काले धब्बे’ की भांति हैं। उन्होंने टीम द्वारा जागरूकता फैलाने वाले इस मिशन के साथ-साथ प्रदूषकों का विश्लेषण किए जाने की प्रशंसा की।