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गंभीर ने किया खुलासा: धोनी-गांगुली नहीं, टीम इंडिया का ये है सर्वश्रेष्ठ कप्तान

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने हाल ही में संन्यास की घोषणा की। उन्होंने पहली बार कैमरे के सामने खुलासा किया है कि उनकी नजर में सर्वश्रेष्ठ कप्तान कौन हैं। उल्लेखनीय है कि गंभीर ने सौरव गांगुली या फिर एमएस धोनी का नाम नहीं लिया। बता दें कि 2003 में गंभीर ने सौरव गांगुली के नेतृत्व में ही टीम इंडिया की तरफ से डेब्यू किया था। तो चलिए आपको बताते हैं कि गौतम जिन कप्तानों के अंडर खेले, उनमें से वे किसे सर्वश्रेष्ठ मानते हैं और क्यों:

गौतम गंभीर ने कहा कि वह कई कप्तानों के अंडर में खेल चुके हैं और उनमें से सर्वश्रेष्ठ महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले हैं। कुंबले को साल 2007 के आखिरी समय में भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था। तब राहुल द्रविड़ ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। कुंबले इसी के साथ दुनिया के पहले लेग स्पिनर बने, जिन्होंने टीम की कमान संभाली। कुंबले के नेतृत्व में भारत ने घरेलू जमीन पर सात टेस्ट जीते। वहीं विदेशों में सात टेस्ट में दो जीत दर्ज की।
गंभीर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘एक कप्तान और लीडर में फर्क होता है। मैंने अपने करियर में कई कप्तानों के अंडर में खेला है। सबसे स्वार्थरहित और ईमानदार व्यक्ति कुंबले ही रहे, जिनसे मैंने काफी कुछ सीखा। मुझसे कई बार पूछा गया कि कौन सा कप्तान सर्वश्रेष्ठ है, जिसके नेतृत्व में मैंने खेला। मैंने हमेशा कहा कि एक कप्तान टीम के जैसे ही अच्छा होता है। आज मैं कैमरे के सामने पहली बार कह रहा हूं कि मैंने कई कप्तानों के नेतृत्व में खेला, लेकिन उनमें से सिर्फ एक ही लीडर रहे और वो हैं अनिल कुंबले। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा।’
37 वर्षीय गंभीर ने आगे कहा, ‘मैंने कुंबले के नेतृत्व में पांच टेस्ट खेले हैं। श्रीलंका के खिलाफ मेरी वापसी हुई और फिर घर में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेली। मैंने लीडरशिप के बारे में कुंबले से बहुत कुछ सीखा। जिस तरह वह निस्वार्थ: और खेल के प्रति जुनूनी हैं, वह अपने क्रिकेट को लेकर बहुत ईमानदार हैं। मेरे ख्याल से संन्यास लेने के बाद खुलकर कह सकता हूं कि वह सर्वश्रेष्ठ लीडर थे, जिनकी कप्तानी में मैंने खेला।’
हाल ही में गंभीर ने कहा था कि उन्होंने भले ही दुश्मन बनाए, लेकिन वह शांति से नींद ले सके। उन्होंने कहा, ‘मैं गलत चीजें और बनावटीपन बर्दाश्त नहीं कर सकता। मुझे काफी लोग कहते हैं कि मैं थोड़ा सा नम्र हो सकता था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता। हां, मैंने दुश्मन बनाए लेकिन मैं शांति से सोया।’