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गजब…जब बौध भिक्षु सोने में ढाल कर ‘जिंदा’ कर दिया की ममी को

एंजेंसी/ gold-monkबीजिंग। पिछले साल नीदरलैंड के खोजकर्ताओं को एक बौद्ध भिक्षु की ममी मिली थी, जिसे सोने से जड़ दिया गया था। ये ममी भगवान बुद्ध की तरह आसन लगाए बैठी थी और करीब 900 साल पुरानी थी। इसे ‘लिविंग बुद्धा’ के नाम से भी जानते हैं। अब ठीक इसी तरह से 3 साल पहले महानिर्वाण को प्राप्त हुए एक बौद्ध भिक्षु के शव को सोने की ममी में बदला गया है।

ये काम चीन के फुजिआन शहर में हुआ है, जिसके बाद उसे ‘लिविंग बुद्धा’ मानकर उसकी पूजा शुरू कर दी गई है। चीनी खबरों के मुताबिक क्वानझोई प्रांत के फुजिआन शहर में फु हॉऊ नाम के बौद्ध भिक्षु साल 2012 में महानिर्वाण को प्राप्त हुए थे। उस समय उनकी उम्र 94 साल थी। पर अब लि रेन नाम के अधिकारी की अगुवाई में उनके शव पर सोने की परत चढ़ाकर उसे हमेशा के लिए ‘जिंदा’ कर दिया गया है।

पिछले साल नीदरलैंड के खोजकर्ताओं को एक बौद्ध भिक्षु की ममी मिली थी, जिसे सोने से जड़ दिया गया था। ये ममी भगवान बुद्ध की तरह आसन लगाए बैठी थी और करीब 900 साल पुरानी थी।
फुहॉऊ महज 17 साल की उम्र में बौद्ध भिक्षु बन गए थे और उन्होंने पूरा जीवन धर्म के उत्थान में लगा दिया। फु हॉऊ के महानिर्वाण के 3 साल बाद जब उनकी त्वचा एकदम कठोर और सूखी स्थिति में पहुंच गई, तब विशेषज्ञों की टीम ने इस काम को अंजाम दिया। फु हॉऊ के धर्मानुवाइयों ने उनकी मौत के बाद उनके शव को संरक्षित कर पहाड़ की चोटी पर रखवा दिया था, जहां से वो भिक्षओं को धर्म की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता था। पर अब उनके स्वर्णिम ममी को चीन की राजधानी बीजिंग के ड्रैगन स्प्रिंग मंदिर में रखवा दिया गया है।

भिक्षुओं का मानना है कि फु हॉऊ पर ईश्वर की अगाध कृपा थी। उन्होंने अपने जीवन में कोई बुरा काम नहीं किया। यही वजह है कि वो आने वाली और मौजूदा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत की तरह हैं। बता दें कि पिछले कुछ सालों में चीन के शाओलिन मठों पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, पर इससे बौद्ध धर्म के प्रति लोगों में थोड़ी भी उदासीनता नहीं आई है।

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