केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने शनिवार को बीते जमाने की बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख पर सनसनीखेज आरोप लगाया। गडकरी ने कहा कि आशा पारेख ने उनसे पद्म भूषण के लिए सिफारिश करने को कहा था।
नागपुर में एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ”इन दिनों पुरस्कार देना ‘सिरदर्द’ पैदा करना है।” उन्होंने कहा कि लोग पुरस्कारों के लिए सिफारिश कराने के लिए उनका पीछा करते रहते हैं। आशा पारेख ने भी ऐसा ही किया था।
गडकरी ने कहा, ”आशा पारेख मेरे पास पद्म भूषण के लिए अपने नाम की सिफारिश कराने के लिए आई थीं। मेरी बिल्डिंग की लिफ्ट ठीक नहीं थी तो वह मुझसे मिलने के लिए 12 माले तक सीढ़ियां चढ़ कर आईं। मुझे ये बहुत खराब लगा।”
गडकरी ने कहा कि आशा पारेख ने उनसे कहा था कि उन्होंने बहुत भारतीय सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान दिया है, इसलिए वे पद्म भूषण के लिए योग्यता रखती हैं। उल्लेखनीय है कि आशा पारेख 2014 में लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1992 में वह पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।
बीते दिनों में पुरस्कारों के मसले पर मोदी सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है। मुल्क में बढ़ रही असहिष्णुता के विरोध में कई लेखक, संस्कृतिकर्मियों और फिल्मकारों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए, जिनमें पद्म पुरस्कार भी शामिल थे।
पुरस्कार लौटाने वालों पर मोदी सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि वे देश की छवि खराब कर रह हैं।