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गणेश पूजन से जीवन में आती है खुशहाली


लखनऊ। हिंदू रीति-रिवाजों में वेद, शास्त्र और धर्म का अहम योगदान और स्थान है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि गणेश की विशेष पूजा का दिन बुधवार है। बुधवार को गणेश जी की पूजा और उपाय करने से हर समस्या का निवारण होना बताया गया है। गौरतलब है कि कोई भी शुभ कार्य हो सबसे पहले गणेश की पूजा होती है। गणेश को सभी दुखों का पालनहार माना जाता है। हनुमान जी की तरह ही गणेश जी का श्रृंगार भी सिंदूर से ही किया जाता है।
पूजन के विधान में गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद घी, गुड़ गाय को खिला दें। ऐसा करने से घर में धन व खुशहाली आती है। अगर घर में नकारात्मक शक्तियों का वास है, तो घर के मंदिर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करनी चाहिए। इससे सभी प्रकार की बुरी शक्तियों का नाश होता है। बुध ग्रह खराब चल रहा तो किसी मंदिर में जाकर हरे मूंग को दान करें। इससे बुध ग्रह का दोश शांत होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेश के मंदिर में उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से कार्यों के जल्द ही शुभ फल मिलने लगेंगे। जीवन में बड़ी परेशानियां हैं और कम नहीं हो रही हैं तो शास्त्रों में बताया गया है कि बुधवार के दिन किसी हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर जाकर भगवान श्रीगणेश से परेशानियों का निदान करने के लिए प्रार्थना करें। इससे आपके जीवन की परेशानियां कुछ ही दिनों में दूर हो जाएंगी। ऐसा माना जाता है कि कन्या बुधवार को विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाए तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जाता है। वहीं किसी युवक के विवाह में परेशानियां आ रही हैं तो वह भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं तो उसका विवाह भी जल्दी हो जाता है।
ज्ञात है कि गणेश को प्रथमेश भी कहा जाता है। वेदों के अहम भाग पुराण, शास्त्र, ज्योतिश अनगिनत हिस्से हैं, जिन्हें सबसे पहले लिपिग्रंथ किया गया। भारत के वेद सबसे पुराने हैं, जिसमें ऋग्वेद को प्रथम माना गया है और ऋग्वेद को पूर्व में श्रुति वेद कहा जाता था, श्रुति मतलब सुनना ऐसा वेद जिसे सुनकर याद रखा जाये। बाद में वेदव्यास के कहने पर गणेश ने इसे लिपिबद्ध किया। इसलिये ऐसी प्रायोगि मान्यता है कि वेद और शास्त्र झूठ नहीं बोलते।

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