नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में शनिवार को वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करने के बाद कहा कि उन्होंने इसमें गरीबों और उद्योगों की जरूरतों और सरकार की वित्तीय सीमाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। जेटली ने बजट के बाद दूरदर्शन को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘हमें गरीबों की चिंता भी करनी थी, राजस्व घाटा भी सीमित रखना था और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च करना था। मैंने बजट में संतुलन बनाने की कोशिश की है। मैं गरीबों और उद्योग दोनों के पक्ष में हूं। जब तक उद्योगपतियों से पैसा आएगा नहीं गरीबों की सेवा कहां से होगी।
आयकर में छूट बढ़ाना संभव नहीं
नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर में छूट की सीमा नहीं बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि देश में आयकरदाताओं की संख्या सिर्फ साढ़े तीन से पौने चार करोड़ के बीच है जो आबादी का महज चार फीसदी है। ऐसे में कर में और छूट देना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि यह भी देखना होता है कि सरकार के पास वित्तीय मोर्चे पर कितना लचीलापन है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल सरकार ने आयकर में छूट की सीमा बढ़ाई थी। वर्ष 2015-16 के बजट में आयकर छूट की सीमा नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में छूट की सीमा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार करने और परिवहन भत्ते में छूट की सीमा 800 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपये करने से इस वर्ग को भी राहत मिलेगी।
बचत की सलाह
जेटली ने कहा कि देश की घरेलू बचत 36 प्रतिशत होनी चाहिए जो वर्तमान में गिरकर 29 प्रतिशत रह गई है। बजट में हमने बचत करने के लिए लोगों को मजबूर करने का उन्होंने प्रयास किया है। जेटली के अनुसार आगामी वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार 8 प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है जो 2016-17 तक दहाई अंक में भी पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि इसी दर से होती रही तो 10-12 साल में देश में गरीबी समाप्त हो जाएगी।
निवेश के लिए पूर्वानुमति जरूरी नहीं
वित्त मंत्री ने नए उद्योग लगाने और निवेश के लिए पूर्वानुमति की जरूरत खत्म किए जाने को इस बजट का सबसे बड़ा सुधार बताते हुए कहा, पहले हम लोगों को निवेश के लिए बुलाते थे और पांच साल दफ्तर से दफ्तर भगाते थे। सरकार ने अब एक नियामक संस्था बनाने का फैसला किया है जो उद्योगों तथा निवेश के लिए दिशा निर्देश जारी करेगा। कोई भी इन दिशा निर्देशों के अनुरूप बिना किसी पूर्वानुमति के निवेश कर सकता है, लेकिन इनके उल्लंघन पर उन पर कार्रवाई होगी। पहले विदेशी और देशी निवेशक यहां की कर व्यवस्था देख कर भाग जाता था, देश में फैला भ्रष्टाचार देखकर भाग जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने अपने नौ महीने के कार्यकार में देश की छवि सुधारने में काफी हद तक सफलता पाई है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पूरी तरह विश्वास बहाली में अभी समय लगेगा।