स्वास्थ्य

गर्भावस्था में लें विटमिन डी वरना बच्चे को सताएगा मोटापा

ऐसी महिलाएं जो गर्भावस्था के दौरान विटमिन डी की कमी से पीड़ित होती हैं उनके बच्चों में जन्मजात और वयस्क होने पर मोटापा बढ़ने की अधिक संभावना रहती है। एक शोध में यह पता चला है कि ऐसी मां जिनमें विटमिन-डी का स्तर बहुत कम है, उनकी कोख से जन्म लेने वाले बच्चे की कमर चौड़ी होने या 6 साल की उम्र में बच्चे के मोटा होने की संभावना अधिक होती है। इन बच्चों में शुरुआती दौर में पर्याप्त विटमिन डी लेने वाली मां के बच्चों की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक फैट होता है।गर्भावस्था में लें विटमिन डी वरना बच्चे को सताएगा मोटापा

अमेरिका में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सहायक प्रफेसर वइया लिदा चाटझी ने कहा, ‘ये बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं दिखती लेकिन हम वयस्कों के बारे में बात नहीं कर रहे जिनके शरीर में 30 प्रतिशत फैट होता है।’ विटमिन डी की कमी को ‘सनशाइन विटमिन’ के रूप में भी जाना जाता है। इसे हृदय रोग, कैंसर, मल्टीपल स्क्लरोसिस और टाइप 1 डायबीटीज के खतरे से जोड़ा जाता है। चाटझी ने कहा कि आपके शरीर में उत्पादित विटमिन डी का लगभग 95 प्रतिशत धूप से आता है। शेष पांच प्रतिशत अंडे, वसा वाली मछली, फिश लिवर ऑइल, दूध, पनीर, दही और अनाज जैसे खाद्य पदार्थों से मिलता है। 

पत्रिका ‘पेडिएट्रिक ओबेसिटी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, टीम ने 532 मां-बच्चों के जोड़े की जांच की जिसमें बच्चे के जन्म से पहले मां में विटमिन डी को मापा गया। परिणाम बताते हैं कि लगभग 66 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में पहले त्रैमासिक में विटमिन डी अपर्याप्त था। चाटझी ने कहा, ‘गर्भावस्था में ऑपटिमल विटमिन डी का स्तर बचपन के मोटापे से बचा सकता है, लेकिन हमारे शोध को सुनिश्चित करने के लिए अधिक शोध आवश्यक है। गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में विटमिन डी की खुराक लेते रहना भावी पीढि़यों को ठीक रखने का अच्छा उपाय है।’ 

 

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