गर्भाशय ट्रांसप्लांट से देश में पहला बच्चा पैदा हुआ
पुणे : गर्भाशय ट्रांसप्लांट से देश में पहला बच्चा पैदा हुआ है, भारत में मेडिकल इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी ऐसी महिला ने बच्चे को जन्म दिया है जो कि बिना गर्भाशय के पैदा हुई थी, हालांकि इससे पहले स्वीडन और अमेरिका जैसे देश ऐसा कारनामा कर चुके हैं, लेकिन भारत सहित एशिया में यह पहली बार है जब गर्भाशय ट्रांसप्लांट के जरिए किसी महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। गैलेक्सी केयर लेप्रोकोपी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. शैलेष पुनतांबेकर ने इसकी पुष्टी की है। गौरतलब है कि डॉ. शैलेश पुनतांबेकर के नेतृत्व में 12 डॉक्टर्स की टीम ने 8 घंटे में लेप्रोस्कोपिक टेक्निक की मदद से यह सर्जरी की। डॉ. पुनतांबेकर ने गर्भाशय ट्रांसप्लांट की पुष्टि करते हुए बताया कि एक महिला को उसकी ही मां का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया है। दरअसल, महिला के जन्म से ही यूट्रस नहीं था, लेकिन वह खुद का बच्चा चाहती थी, ऐसे में महिला की मां ने अपनी बेटी को अपना यूट्रस डोनेट कर दिया। डॉ. पुनतांबेकर ने आगे बताया कि मां से गर्भाशय को अलग करने में करीब 4 घंटे का समय लगा, जिसके बाद मां का गर्भाशय उसकी बेटी को ट्रांसप्लांट किया गया। मां और बेटी दोनों ही सुरक्षित हैं।
डॉ. पुनतांबेकर के अनुसार, यूट्रस ट्रांसप्लांट उन सभी महिलाओं के लिए वरदान है जो कि इस तरह की समस्या से जूझ रही हैं या फिर बच्चे को जन्म दे पाने में असमर्थ हैं। बता दें गर्भ प्रत्यारोपण के प्रयास पहले भी किये जा चुके हैं, लेकिन सबसे पहले स्वीडन के डॉक्टर्स को यह सफलता हाथ लगी। स्वीडन के डॉक्टर्स ने वर्ष 2012 में यह कारनामा कर दिखाया था। स्वीडन के डॉक्टर्स ने एक 36 साल की एक ऐसी महिला को मां बनने की खुशी दी थी जिसका गर्भाशय नहीं था।