लखनऊ : आने वाले गर्मियों के मौसम में हमारी त्वचा और शरीर के लिये और अधिक परेशानियां खड़ी होने वाली हैं। हर दिन हमारा शरीर गर्मी और बैरोमैट्रिक दबाव के प्रति प्रतिक्रिया करता है। जैसे-जैसे पारा बढ़ता जाता है, तपती धूप और सूखा मौसम हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव डालने को बाध्य हो जाता है। हमें पक्का यकीन है कि आपने खुद में और दूसरों में इस पर ध्यान दिया होगा। हमारा शरीर हर बार बढ़ते पारे के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता है, खासतौर से उस स्थिति में जब हम हमारी जरूरत को लेकर सजग नहीं रहते कि हमें दिन में लगातार शरीर को नमी पहुंचते रहना चाहिये। नमी और गर्मी मिलकर सबसे महत्वपूर्ण वाष्पीकरण की प्रक्रिया को रोक सकता है, जोे कि हमारे शरीर को ठंडा रखने की प्रक्रिया होती है। त्वचा द्वारा वाष्पीकरण नहीं होने के कारण, शरीर का आंतरिक तापमान बढ़ जाता है और हमारे शरीर में इस तरह के घातक बदलाव ला सकता है, जैसे- त्वचा पर खुजली के साथ चेहरे, गर्दन पर लाल निशान और धड़कनों का तेज हो जाना। ब्लड प्रेशर कम हो जाने से बेहोशी हो जाती है, जिसे चेतना का खोना कहते हैं, गर्मियों के मौसम में यह बहुत आम होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी ‘पित्त दोष’ का मौसम होता है, जिसका संबंध अग्नि तत्व से होता है। यह मेटाबॉलिज्म (चयापचय) और शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिये जिम्मेदार होता है, जिसमें पाचन भी शामिल है। कई स्वास्थ्य समस्याएं पित्त दोष से जुड़ी होती हैं, जिनमें शामिल हैं सीने में जलन, शरीर का अत्यधिक तापमान और पसीना, त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे त्वचा पर चकत्ते, घमौरी और मुंहासे, पेट में अत्यधिक एसिडिटी और पेप्टिक अल्सर, चिड़चिड़ापन रूखे बाल और गुस्सा। मूड में होने वाले बदलाव का संबंध बढ़ते तापमान के साथ होता है और आपको तंत्रिका तंत्र को आराम देने की जरूरत होती है, साथ ही साथ तनाव संबंधी डिसऑर्डर को दूर करने की। वरना, इनकी वजह से आपके चेहरे, बालों और शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। अत्यधिक एसिडिटी और अपच के कारण आपके चेहरे का पीएच स्तर कम हो जायेगा, जिससे और अधिक एलर्जी, टैनिंग और चेहरे की चमक में कमी आ जाती है। उच्च मात्रा में तरल, फलों का रस, आसानी से पचने वाले सलाद और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ से खोई चमक वापस आ सकती है। यहां कुछ उपाय दिये गये हैं, जो गर्मियों में आपकी त्वचा पर कमाल का असर दिखाते हैं, खासकर आपके किचन से लाये गये हैं।
नींबू फ्री रेडिकल्स की समस्या से लड़ता है, साथ ही यह विटामिन सी से भरपूर होता है, हर दिन इसका सेवन करने से चमकदार और स्वस्थ त्वचा पाने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह डिटॉक्सिफाइ करने में भी मदद करता है। इसमें ब्लीच करने के गुण होते हैं, जिससे कि त्वचा का रंग हल्का होता है। लेकिन नींबू लगाने के बाद धूप में घर से बाहर ना निकलें, क्योंकि इससे जलन की समस्या हो सकती है। गर्मी के दिनों में एलोविरा लेने से शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है और इसे लगाने से त्वचा को ठंडक महसूस होती है। साथ ही कई प्रकार के बैक्टीरिया, फफूंद और वायरस को भी यह मारता है।
यदि आपकी त्वचा धूप से प्रभावित हो गई है तो एलोविरा आपकी त्वचा को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी ठीक कर देता है। दही डेयरी उत्पाद कैल्शियम और मैग्नीशियम तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करने के अलावा बेहतरीन एक्सफोलिएटर भी है। इसे बेसन में मिलाकर लगाने से त्वचा को गोरा करने वाले एजेंट की तरह कार्य करता है और जिससे टैन को खत्म करने में मदद मिलती है। नीम में जलन-रोधी, फंगसरोधी, जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो ना केवल आपकी सेहत को लाभ पहुंचाता है, बल्कि सौंदर्य संबंधी कई परेशानियों को भी दूर करता है। नीम में विटामिन सी होता है, जो त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे ब्लैकहेड्स, पिग्मेंटेशन, निस्तेज और बढ़ती उम्र के असर को दूर करने में मदद करता है। इससे त्वचा पर जवां निखार आता है। जई का आटा- जई सेहतमंद और पोषक खाद्य होता है, इसमें शरीर को बाहर के साथ-साथ अंदरूनी रूप से भी स्वस्थ करने के बेहतरीन गुण होते हैं। सूखी तथा खुरदुरी त्वचा के लिये जई का आटा एक अच्छा स्क्रब होता है। तुलसी की पत्तियों में उच्च मात्रा में पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी होता है, जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में एटीऑक्सीडेंट होता है।
उपरोक्त उल्लेखित सामग्रियो के अलावा कई अन्य उपयोगी टिप्स हैं, जिनको आप इन गर्मियों में अपना सकते हैं :-
– नमी बनाये रखने के लिये दिनभर भरपूर पानी पीयें, सादा पानी पीना उबाऊ हो सकता है, इसलिये आप चाहें तो इसमें स्वाद या खुशबू के लिये नींबू और संतरा डाल सकते हैं।
– कम से कम 30 या 50 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगायें, जोकि यूवी किरणों से बचाता है।
– ऐसे फल खायें, जिनमें पानी की मात्रा उच्च हो, जैसे तरबूजा, अंगूर, संतरा आदि।
– जब तक बहुत जरूरी नहीं हो, सीधे धूप में निकलने से बचें।
1/2 टीस्पून डेड सी सॉल्ट, 1/2 टेबलस्पून ब्राउन शुगर, उबटन 1/2 टेबलस्पून को 1 टेबलस्पून स्किन बटर (शिया बटर और कोको बटर) के साथ मिलाकर बॉडी और चेहरे के लिये स्क्रब तैयार कर लें। इसमें 10 बूंदें नींबू का रस और 2-4 बूदें नेरोली तेल मिलायें। अब पेस्ट को चेहरे और बॉडी पर अच्छी तरह से मसाज और स्क्रब करें। हल्के हाथों से 5-10 मिनट के लिये ऐसा करें और 5 मिनट के लिये छोड़ दें। अच्छी तरह धोने के बाद 10-20 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगायें। हर हफ्ते इसे दोहरायें और तीन बार लगाने के बाद फिर देखें, जादुई असर।
तैलीय और क्लॉग्ड त्वचा के लिये
– मिंट फेशियल जैल के साथ चेहरे को साफ करें।
– 8-10 मिनट के लिये हाई फ्रीक्वेंसी ओजोन ट्रीटमेंट लें
– एंटी एक्ने ऑयल (2-4 बूंदें) के साथ चेहरे पर भाप लें
– कोल्ड कम्प्रेशन लें
– टी ट्री ऑयल जैल का प्रयोग 10-15 मिनट के लिये करें और फिर पोंछ दें।
– नीम और पुदीने का फेस पैक लगायें और पूरी तरह सूखने के बाद धो लें।
– स्किन टोनर का प्रयोग करें।
– उंगलियों से मुंहसे वाली त्वचा को ना छुएं, इससे और अधिक इंफेक्शन हो सकता है।
– तेल वाला खाना, तला हुआ खाना, जंक फूड, खासकर कोल्ड ड्रिंक्स, फ्रिज में रखा पानी और मीठा बिल्कुल भी ना खायें।
– आपको सलाद और साबुत फल खाने चाहिये।
– जितना संभव हो सके उतना पानी पीयें।
– मिन्ट फेशियल जैल या नीम और तुलसी फेस वॉश- दिन में दो बार लगायें।
– नीम और पुदीने का फेस पैक- हर दूसरे दिन लगायें। जब तक कि पूरी तरह सूख ना जाये।
– चेहरे पर भाप लेने के लिये टी ट्री ऑयल
– बालों में रूसी, रूखापन, सिर की त्वचा पर खुजली होना
गर्मियों और बारिश के मौसम में बालों और सिर की त्वचा के लिये अरोमाथैरेपी लेने के लिये रोजमैरी ऑयल की 1 बूंद, बेजिल ऑयल की 1 बूंद, टी ट्री ऑयल की 1 बूंद और 1 बूंद पचौली तेल को 1 टेबलस्पून बादाम या एक्सट्रा वर्जिन जैतून के तेल में मिलायें और हर दूसरी रात में सिर पर हल्की उंगलियों से 10-15 मिनट के लिये मसाज करें। अगले दिन लैवेंडर शैम्पू से धो लें। 5.5 पीएच वाला हेयर कंडीशनर या फिर स्पा क्रीम लगायें।
– रात में लगाने के लिये एंटी डैंडर्फ हेयर ऑयल
– शैम्पू (ऑयली बालों के लिये लैंवेडर और रूखे बालों के लिये जोजोबा)। अगली सुबह सिर धो लें।
– शैम्पू करने के बाद हेयर कंडीशनर या हेयर स्पा क्रीम जरूर लगायें।
– 5-10 मिनट के बाद फिर से धो लें।
डॉ. नरेश अरोड़ा
चेज़ अरोमाथैरेपी कॉस्मैटिक्स के संस्थापक ।
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