गर्मी का प्रकोप बढ़ने के कारण उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में लगी आग विकराल होने लगी है। आज दोपहर नैनीताल के आलूखेत गांव से लगे जंगल में आग धधक उठी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग का वाहन मौके पर पहुंचा। वहीं कल रात सेलाकुई की तिमली रेंज के जंगल एकाएक धधक उठे। आग की सूचना स्थानीय लोगों ने वन विभाग को दी। सूचना पाकर कर्मी मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर देर रात में काबू पाया गया।
116 घटनाओं में लगभग 82 हेक्टेयर जंगल जले
उत्तरकाशी जिले में भी जंगल धधक रहे हैं। वन विभाग और एसडीआरएफ के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हैं लेकिन तेज हवाओं के कारण आग को काबू पाने में बहुत मुश्किल हो रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले में अभी तक आग लगने की 116 घटनाओं में लगभग 82 हेक्टेयर जंगल जले हैं।
सोमवार को भी भीषण गर्मी रही। धरासू क्षेत्र में सर्वाधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि जिला मुख्यालय, डुंडा, गणेशपुर, बर्नीगाड आदि क्षेत्रों में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहा। गर्मी के कारण उत्तरकाशी वन प्रभाग के बौन रेंज सहित कई अन्य स्थानों पर आग गई जबकि अपर यमुना वन प्रभाग के रवांई रेंज, मुंगरसंती रेंज व नौगांव रेंज आदि के जंगल भी जल उठे।
तेज हवाओं के कारण भड़क रही आग
वहीं टौंस वन प्रभाग के मोरी व पुरोला क्षेत्र के सिंगतूर, गुराड़ी, मोरी बाजार, हुडोली, जरमोला, घुत्तुगाड आदि क्षेत्रों के जंगल भी दिनभर सुलगते रहे। आग पर काबू करने के लिए वन और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के साथ ही एसडीआरएफ के जवान भी जुटे रहे।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि विभागीय कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हैं लेकिन तापमान बढ़ने व तेज हवाओं के कारण आग भड़कने से कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यमुनोत्री हाईवे पर प्रभावित हुआ यातायात
अपर यमुना वन प्रभाग के राड़ी टॉप क्षेत्र के जंगलों में लगी आग के कारण यमुनोत्री हाईवे पर करीब एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। सोमवार दोपहर को राड़ी टॉप क्षेत्र से गुजर रहे यमुनोत्री हाईवे के दोनों ओर के जंगलों में भीषण आग लगी रही, जिससे उठ रहे धुएं के गुबार के कारण पूरी घाटी में धुंध छा गई। इससे वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आलम यह रहा कि आग की तपिश और धुएं के गुबार के कारण एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही भी ठप रही। बुजुर्गों व बच्चों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि कुछ समय बाद हालात सामान्य होने पर यातायात सुचारु हो गया। अपर यमुना वन प्रभाग के डीएफओ प्रदीप कुमार ने बताया कि संबंधित रेंज के अधिकारी व कर्मचारी लगातार आग पर काबू करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन तेज हवाओं के चलते उन्हें कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आदिबदरी क्षेत्र के जंगलों में लगी आग
आदिबदरी क्षेत्र के भलसों, आंखोड गदेरी, खाल और खिल गांव के जंगलों में आग लग गई और क्षेत्र में धुंध छा गई। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
आदिबदरी के जंगलों में कई बार आग लग चुकी है, जिससे कई हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। सरोजनी देवी, रामेश्वरी देवी, सुरेशी देवी आदि ने कहा कि जंगलों में आग लगने से पशुओं के लिए चारे की कमी हो गई है। प्राकृतिक धारों पर पानी कम आ रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि आंखोड गदेरी और खाल के जंगल रविवार शाम से जलने शुरू हुए और रातभर जलते रहे। सोमवार सुबह आग बुझाई जा सकी। जबकि सोमवार सुबह ही कुछ शरारती तत्वों ने भलसों के जंगल में आग लगा दी, जिससे चीड़ का यह जंगल पूरी तरह जल गया और क्षेत्र में धुंध छा गई।