गर्मी की शुरूआत के साथ 33 करोड़ लोग झेल रहे सूखे की मार
नई दिल्ली : भारत की ज्यादातर आबादी पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए तरस रही है। स्थिति यह है कि 10 राज्यों में 254 जिले सूखा प्रभावित हैं। करीब 33 करोड़ लोग सूखे की मार झेल रहे हैं। महाराष्ट्र में हालात बेहद खराब हैं। दूसरी ओर दिल्ली में भी लोगों को पीने का पानी बमुश्किल मिल पा रहा है। हरियाणा और पंजाब में जल विवाद किसी से छुपा नहीं है।
यही नहीं जिन राज्यों में नलों से पानी सप्लाय किया जाता है वहां अधिकांशतौर पर मटमेला पानी सप्लाय होता है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में प्रश्न किए तो सरकार द्वारा कहा गया कि सबसे पहले सूखा घोषित करने वाले राज्यों के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। हालांकि न्यायालय ने सवाल किया कि गुजरात के बारे में इसमें जानकारी शामिल नहीं की गई है।
दूसरी ओर सूखा प्रभावित गुजरात के क्षेत्रों में मनरेगा के लिए जो राशि स्वीकृत की गई थी उसमें से 38500 करोड़ रूपए में से 19555 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं। सरकार द्वारा कहा गया कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के कर्ज को बैंक रिशेड्युल करने को तैयार है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से सवाल किया कि सूखा प्रभावित क्षेत्रो में आखिर कितने परिवारों को मनरेगा के अंतर्गत 150 दिन का रोजगार उपलब्ध होगा।
सरकार द्वारा न्यायालय को इलेक्ट्राॅनिक फंड ट्रासफर स्कीम की जानकारी प्रदान की गई। सरकार द्वारा कहा गया कि मजदूरों के एकाउंट में पैसा पहुंचाने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है। करीब 11 राज्यों में इस तरह की योजना कार्य कर रही है। इस योजना के तहत मजदूरों की जानकारी मिलते ही उनके एकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है।