गांगुली की एक फटकार से खिलाडी बन गया विश्व का सबसे खतरनाक बल्लेबाज़
मित्रों इस बात से तो आप सभी अवगत ही होगें कि भारतीय टीम मे सौरव गांगुली क अहम भूमिका रही है। गांगुली भारत के सबसे सफल खिलाड़ी भी रहे है, साथ ही कप्तान की भूमिका भी बहुत ही अच्छे से निभाई है। आपको बता दें कि गांगुली अपनी कप्तानी के दौरान कई युवा खिलाडि़यों को प्रत्साहित किया है, और उन्हे आगे बढ़ने में सहायता की है। इसी बीच एक खिलाड़ी को फटकार भी लगाई, जिसके कारण वह आगे चलकर एक विस्फोटक बल्लेबाज बनें।
दरअसल सौरव गांगुली ने भारतीय टीम में अपनी अहम भूमिका निभाने के साथ कुछ युवा खिलाडि़यों प्रोत्साहित कर एक ऐसे मुकाम पर पंहुचा दिया है, जहां शायद ही कोई आम खिलाड़ी पंहुच सके। आज वही क्रिकेटर भारतीय टीम के अभिन्न अंग है, जैसे वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन, ज़हीर खान, मुहम्मद कैफ, इरफान पठान और महेंद्र सिंह धोनी इस तथ्य से तो यही ज्ञात हो रहा है, कि भारतीय टीम को तैयार करने में सौरभ गांगुली ने अहम भूमिका निभाई है। उपरोक्त सभी खिलाड़ी गांगुली को अपना आदर्श मानते है। जिस खिलाड़ी को गांगुली ने फटकार लगाई थी, उसी खिलाड़ी ने खेल पत्रकार बोरिया मजमूदार की एक किताब के विमोचन पर सौरव गांगुली से जुडे कुछ रहस्य खोले। अब आप यही सोच रहे होगें कि आखिर वह कौन सा खिलाड़ी है?
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि हम आज जिस खिलाड़ी की बात कर रहे है, वो और कोई नही बल्कि भारतीय टीम में सबसे विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग है। आपको बता दें कि सहवाग अपने सफल कॅरियर के पीछे बहुत बड़ा हाथ सौरव की कप्तानी को देते है। सौरव ने मुझसे अफ्रीका दौरे में ओपनिंग करने को कहा पर मैं घबराया हुआ था तो मैंने मिडिल आर्डर में खिलाये जाने की रिक्वेस्ट की तब सौरभ ने मुझे फटकारते हुए कहा कि तुम्हारे लिए टीम में केवल यही जगह बचती है। वरना तुम टीम से बाहर रहोगे। इसलिए मन बनाओ मैं तुम्हे ओपनर ही खिलाऊंगा।
इसके पश्चात सहवाग ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में अफ्रीका के खिलाफ शानदार 105 रन बनाए। सहवाग कहते हैं, कि उसके पश्चात मैं सबसे पहले सौरभ के गले लगा क्योंकि उन्होंने ही मेरे अंदर यह आत्मविश्वास जगाया था की मैं बतौर ओपनर भी उतना ही अच्छा खेल सकता हूँ जितना मिडिल ऑर्डर में।
सहवाग बताया कि : “ दादा बहुत ही नेक दिल इंसान हैं, जब भारतीय टीम के तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल बीसीसीआई को सौरव को कप्तानी से हटाने के लिए मेल लिख रहे थे, उस समय उनके बगल में मै बैठा था। मैंने पूरी मेल पढ़ ली थी और दादा को जा कर सब कुछ बताया, पर सौरव ने मेरी बात नजरअंदाज कर दी और ग्रेग चैपल अपनी साजिश में कामयाब हो गए। सौरव की कप्तानी चली गयी यही कारण रहा कि भारतीय क्रिकेट 3 वर्ष पीछे हो गया। ” उपरोक्त के संबंध में आप लोग अपनी महत्वपूर्ण रॉय कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।