गांधी जयंती: जानें, बापू को महान शख्सियतों की नजर से
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
‘दे दी हमें आजादी बिना खडग़, बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’
पंक्तियां चरितार्थ कर दिखाने वाले बापू के प्रति दुनिया भर के लोगों की क्या राय रही, आइए जानें। अहिंसा के पुजारी मोहन दास कर्मचंद गांधी, जिन्हें सम्मान से बापू कह कर पुकारा गया, का दुनिया भर में आज भी नाम है। क्लीमैंट एटली के शब्दों में महात्मा गांधी विश्व के महान व्यक्ति थे। वह घोर तपश्चर्या का जीवन व्यतीत करते थे। उनके करोड़ों देशवासी उन्हें दैवी प्रेरणा प्राप्त संत मानते थे। लक्ष्य साधन में उनकी सच्चाई और निष्ठा पर उंगली नहीं उठाई जा सकती जबकि माऊंटबेटन का कहना था कि महात्मा गांधी के जीवित रहने से सारा संसार सम्पन्न था और उनके निधन से लगता है कि संसार ही दरिद्र हो गया है। माऊंटबेटन की टिप्पणी थी कि गांधी के परामर्श उनके लिए सदा सहायक सिद्ध हुए।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि महात्मा गांधी एक ऐसे विजयी योद्धा थे जिन्होंने बल प्रयोग का सदा उपहास किया। वह बुद्धिमान, नम्र, दृढ़ संकल्पी और निश्चय के धनी व्यक्ति थे। इसी तरह रेजिनाइल्ड सोरेन्सन ने लेनिन व महात्मा गांधी को विश्व में बीसवीं सदी का महानतम व्यक्तित्व बताया था। उनका यह भी कहना था कि ये दोनों व्यक्तित्व एक-दूसरे के विपरीत होते हुए भी दुनिया भर में चर्चित रहे। फिलिप नोएल बेकर का गांधी जी को लेकर कथन था कि आधुनिक इतिहास में किसी भी एक व्यक्ति ने अपने चरित्र की वैयक्तिक शक्ति, ध्येय की पावनता और अंगीकृत उद्देश्य के प्रति नि:स्वार्थ निष्ठा से लोगों के दिमागों पर इतना असर नहीं डाला, जितना महात्मा गांधी का असर दुनिया पर हुआ। इसी तरह पर्ल बक ने कहा था कि हमारे लिए गांधी इने-गिने महात्माओं में से एक थे, जो अपने विश्वास पर हिमालय की तरह अटल और दृढ़ रहते थे। संसार का प्रत्येक व्यक्ति सोचता है कि गांधी जी एक उत्तम व्यक्ति थे तो लोगों ने उन्हें क्यों मार डाला, यह सवाल अनेक लोगों ने मुझसे पूछा और मुझे जवाब न सूझा। रिचर्ड बी. ग्रेड ने कहा था कि गांधी जी की यह भी विशेषता थी कि वह चाहे कहीं भी रहें और चाहे जिस तरह के काम में व्यस्त हों लेकिन हर रोज सुबह सबसे पहले प्रार्थना जरूर करते थे।