गांधी जी की सेहतमंद होने के वो 10 राज, जिसे शायद ही आप जानते हों…
देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिलाने वाले महात्मा गांधी एक-एक सप्ताह बिना खाए पिए रह जाते थे. देश की राजनीति में बदलाव में सिर्फ महात्मा गांधी की सोच की ताकत का ही योगदान नहीं था, बल्कि उनकी शारीरिक ताकत की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
बिना तलवार और बिना बंदूक के देश को आजादी दिलाने वाले गांधी अपनी सेहत और फिटनेस को लेकर बहुत सचेत थे. आप भी गांधी जी से सेहत की ये 10 सीख ले सकते हैं..
1. अहिंसा से बढ़ती है उम्र: महात्मा गांधी का मानना था कि अहिंसा न केवल मानव की रक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि ऐसी विचारधारा का त्याग करने से उम्र भी लंबी होती है. ऐसे लोग शांत स्वभाव के होते हैं और उनमें हाइपरटेंशन व दिल की बीमारी जैसी परेशानियां कम ही उत्पन्न होती हैं. शांत रहने वाले लोगों में सिगरेट, शराब और गैर-सेहतमंद खाने की इच्छा भी कम ही होती है.
2. जल्दी सोना और जल्दी जागना : महात्मा गांधी रात में सिर्फ 4 से 5 घंटा ही सोते थे. सूर्य उगने से पहले ही वो बिस्तर छोड़ देते थे. आजकल की लाइफस्टाइल के हिसाब से युवाओं के लिए 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है. ऐसे में गांधी जी की जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत युवाओं के दिन को प्रोडक्टिव बना सकता है.
3. व्रत रखने से सुधरती है सेहत: महात्मा गांधी मानते थे कि व्रत रखना सेहत के लिए अच्छा होता है. इससे पेट साफ होता है और शरीर में चर्बी कम होती है. आयुर्वेद के अनुसार भी हर व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन व्रत जरूर रखना चाहिए. गांधी जी ने हिन्दू और मुस्लिम की एकता के लिए 21 दिन का व्रत रखा था.
4. अपने खानपान पर गौर करें: गांधी जी कहते थे कि हमारा शरीर कूड़ेदान नहीं है. इसलिए कुछ पेट में न डालें. खाना खाने से पहले उस पर गौर करें, विचार करें कि आप क्या खा रहे हैं और इसका दीर्घकालिक असर क्या होगा.
5. शराब और तंबाकू से दूरी: महात्मा गांधी इन दो चीजों से दूरी बनाने की सलाह देते थे. शराब और तंबाकू लंग कैंसर, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि का कारण बन सकते हैं. इसकी वजह से डायबिटीज, दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं.
6. मेडिटेशन: महात्मा गांधी अक्सर मेडिटेशन करते थे. मेडिटेशन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और स्ट्रेस व अवसाद को कंट्रोल करने में भी यह कारगर है.
7. सकारात्मक सोच: हमारी सोच हमारी सेहत को भी प्रभावित करती है. महात्मा गांधी कहते थे कि हमारी सोच ही हमें इंसान बनाती है. सकारात्मक सोच न केवल सेहत ठीक रखती है, बल्कि यह हमारे स्किल्स और काम करने की क्षमता को भी बेहतर बनाती है.
8. पैदल चलें: महात्मा गांधी की ऊर्जा और ताकत के पीछे उनके चलने की आदत ही सबसे बड़ी वजह थी. पैदल चलने से न केवल आपकी क्षमता में वृद्धि होती है, बल्कि इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
9. दूसरों को और खुद को माफ करना सीखें: दिल पर बोझ लेकर ना चलें. महात्मा गांधी कहते थे कि जो लोग कमजोर होते हैं वो कभी किसी को माफ नहीं करते. माफ करना अपके मजबूत होने की निशानी है. जब आपके दिल और दिमाग में स्ट्रेस होगा, इससे आपकी शारीरिक सेहत भी प्रभावित होगी. माफ करने की आदत आपमें गुस्से, अवसाद और थकान को कम करती है.
10. सहानुभूति : दूसरों से सहानुभूति रखने वाले लोग ज्यादा अच्छा महसूस करते हैं. दूसरों को समझने में इससे आपको मदद मिलती है. आप कम आलोचनात्मक होते हैं और दूसरे कैसा महसूस कर रहे हैं यह समझ पाते हैं.