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गांव में सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर की जा सकती है लाखों की कमाई

नई दिल्ली : गांव में रहकर भी जो लोग खेती, किसानी नहीं करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए केंद्र सरकार शानदार स्कीम चला रही है, गांव में रहकर ही कमाई करने का मौका सरकार दे रही है। कृषि क्षेत्र में कारोबार शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक योजना शुरू की है। योजना के जरिए पंचायत स्तर पर मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करनी होता है। इस लैब में आसपास के खेतों को मिट्टी की जांच की जाती है, इसके जरिए बढ़िया कमाई की जा सकती है। देश में इस तरह के फिलहाल बेहद ही कम लैब मौजूद है, इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।

लैब में खेत की मिट्टी जांच करवाकर यह पता किया जाता है कि मिट्टी में कौन सा पोषक तत्व मौजूद हैं, इसके आधार पर ही किसानों को उस खेत के लिए बेहतरीन फसल बोने की सलाह दी जाती है। मिट्टी का नमूना लेने, जांच करने और सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान कराने के लिए सरकार की ओर से 300 प्रति नमूने का दर तय किया गया है। केंद्र सरकार की इस स्कीम के जरिए 18 से 40 साल की उम्र वाले युवा गांव में इस लैब को खोल सकते हैं। खोलने वाले को एग्री क्लिनिक, कृषि उद्यमी प्रशिक्षण के साथ द्वितीय श्रेणी से विज्ञान विषय के साथ मैट्रिक पास होना जरूरी है, तभी वो इस स्कीम का लाभ उठाने के योग्य माने जाएंगे।

किसी भी लैब को स्थापित करने के लिए लगभग 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है, लेकिन केंद्र सरकार सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत लैब लगाने वाले को 75 फीसदी रकम दे रही है, अगर आप लैब स्थापित करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से 3.75 लाख रुपये दिये जाएंगे, इसके बाद सिर्फ एक लाख 25 हजार रुपये ही खर्च करने होंगे। गांव में लैब खोलने के लिए जिले के कृषि उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक या उनके कार्यालय में अपना प्रस्ताव दे सकता है। साथ ही agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी इसके लिए संपर्क किया जा सकता है।

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