गायत्री प्रजापति के अब तक तीन साथी गिरफ्तार
लखनऊ । देश की शीर्ष अदालत के आदेश के बाद भी पॉक्सो के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा अन्य मामलों में अपने सात साथियों के साथ नामजद अखिलेश यादव सरकार के भगोड़ा मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनाव तक पूरी छूट दी। कल सप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार करने पर सक्रिय हुई पुलिस ने अब तक गायत्री प्रसाद प्रजापति के तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति तथा उसके साथ साथियों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली थाना में मामला दर्ज है। आज तड़के गायत्री के साथी आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को यूपीएसटीएफ ने नोएडा पुलिस के सहयोग से हिरासत में लिया। आज दिन में इनके खिलाफ लखनऊ में विधिक कार्यवाही होगी। गायत्री प्रजापति के दो साथियों को दिल्ली से लखनऊ जाने के दौरान जेवर टोल प्लाजा यमुना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार किया गया। इनके खिलाफ भी कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी है। इनके अब गायत्री प्रसाद के ठिकानों के संबंध में पूछताछ होगी। गायत्री प्रजापति मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
लखनऊ में कल सामूहिक दुष्कर्म की एफआइआर में नामजद मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति दबिश के दौरान नहीं मिले, लेकिन उनका गनर मुख्य आरक्षी मूल रूप से उरई निवासी चंद्रपाल पुत्र देवी दयाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने उसके कब्जे से सरकारी पिस्टल भी बरामद कर ली है, जो पुलिस लाइन में जमा कराई गई है। इस मामले की विवेचक सीओ आलमबाग अमिता सिंह ने पुलिस टीम के साथ चंद्रपाल को सीतापुर रोड योजना, जानकीपुरम, लखनऊ स्थित उसके घर से गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक परसों को चंद्रपाल गायत्री के साथ लखनऊ आया था। पुलिस ने तभी गायत्री के साथ उसकी भी गिरफ्तारी का जाल बिछा दिया था। इस मामले में मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ लखनऊ के अपर नगर मजिस्ट्रेट टीपी वर्मा के बेटे आलमबाग निवासी विकास वर्मा, लखनऊ के रजनीखंड शारदानगर आशियाना निवासी सचिवालय में अतिरिक्त निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश, विकासखंड गोमतीनगर निवासी गायत्री का अमेठी से क्षेत्र प्रतिनिधि अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह की गिरफ्तारी होनी है। विवेचक ने बताया कि मंत्री समेत सभी फरार चार अभियुक्तों की तलाश में पुलिस व एसटीएफ की टीमों की प्रदेशभर में ताबड़तोड़ दबिश जारी है।