गायत्री मंत्र के बारे में ये बातें बिल्कुल नहीं जानते होंगे…
हममें से कई लोगों को गायत्री मंत्र याद होगा, जिसका जाप हम लोग पूजा के दौरान करते हैं। क्योंकि गायत्री मंत्र को वेदों में चमत्कारी और फायदेमंद बताया गया है। गायत्री मंत्र का जप सामान्य तौर पर उपनयन संस्कार के बाद ही किया जाता है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं गायत्री मंत्र के बारे में कई बातें, जिससे आप जान पाएंगे कि क्यों हर किसी को गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए।
इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि नियमित तीन बार इसका जप करने वाले व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक शक्तियां यानी भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती हैं।
इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।
गायत्री मंत्र को शापित मंत्र माना जाता है। इस मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पहले व सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन रात के वक्त इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं होता है।
गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर हैं। यह चौबीस अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक जगत में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है।
आर्थिक मामलों में परेशानी आने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थिक बाधा दूर होती है। जैस ‘श्रीं ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् श्री’।