ज्योतिष डेस्क : एक दिन भगवान श्रीकृष्ण तथा बलराम, ग्वाल बालों के साथ यमुना तट पर गाय चरा रहे थे। बालकों ने बताया कि देखो एक बगुला यमुना किनारे बैठा है। श्रीकृष्ण को देखते ही वह उन पर झपटा और चोंच में साबुत ही निगल गया। बलदाऊ और ग्वाल बाल भी उसके पेट में समा गए। श्रीकृष्ण ने अपने शरीर से ऊष्मा उत्पन्न करना शुरू किया। गर्मी इतनी अधिक बढ़ गई कि वह श्रीकृष्ण को उगलने के लिए विवश हो गया। जैसे ही श्रीकृष्ण पेट से चोंच में आए उन्होंने बगुले की चोंच के दोनों सिरे पकड़ कर बलपूर्वक उसे चीर दिया। इस तरह उसका भी अंत हो गया। इस तरह एक बार फिर श्रीकृष्ण ने एक और राक्षस की जीवन लीला समाप्त कर दी थी।