गिरफ्तार भारतीय के ‘जासूसी कबूलनामे’ को भारत ने किया सिरे से खारिज, अपहरण की जताई आशंका
एजेन्सी/ नई दिल्ली: जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण यादव द्वारा एक वीडियो पर किए गए ‘कबूलनामे’ को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने इसे पठानकोट हमले में अपनी जिम्मेदारी से बचने की पाकिस्तान की कोशिश करार दिया है। भारत ने साथ ही यह आशंका भी जताई कि उनका अपहरण किया गया हो।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया कि गिरफ्तार व्यक्ति के बयान से साफ संकेत मिलता है कि यह सिखा पढ़ा कर तैयार कराया गया वीडियो है और हमें उसकी सलामती की चिंता है।
दरअसल पाकिस्तानी सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को कुलभूषण यादव का छह मिनट का बयान जारी किया, जिसे जियो चैनल पर चलाया गया। बयान में वह कहता दिख रहा है कि वह भारत की शीर्ष खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम कर रहा है, और अब भी भारतीय नौसेना का हिस्सा है। पिछले हफ्ते की गई उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि कुलभूषण भारतीय है, नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुका है, और रिटायरमेंट के समय से ही उसका ‘सरकार से कोई संपर्क नहीं रहा है…’
भारत सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टीवी पर दिखाया गया बयान पाकिस्तान की ‘जासूसी का खेल चलाने’ और जनवरी में पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए हमले में अपनी जिम्मेदारी से भागने की कोशिश है। भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान से आई जांच टीम से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख से पूछताछ की अनुमति दिए जाने की भी मांग की है, जिसने इस हमले की साज़िश रची थी।
रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने भी इस बात पर सवालिया निशान लगाया है कि पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण यादव से भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है, जो सरासर अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
मंगलवार को दिखाए गए वीडियो में यादव ने कई ऐसी बातें कही हैं, जो कराची में हिंसा फैलाने और बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन को भारत की तरफ से हवा देने के पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों से मेल खाती हैं। भारत बार-बार दोनों इलाकों में घट रही वारदातों में किसी भी प्रकार की शिरकत से इंकार करता रहा है।
वीडियो में यादव ने कहा कि वह मुंबई में रहता है, और ‘अब भी भारतीय नौसेना का अधिकारी है, जिसकी सेवानिवृत्ति 2022 में होनी है…’
उसने कहा कि उसने वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से करियर शुरू किया था, और बाद में उसने ईरान में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया, जिसकी वजह से उसे पाकिस्तान आने-जाने में सहूलियत होने लगी, और वर्ष 2013 में उसे रॉ एजेंट बना लिया गया। उसके मुताबिक उसे 3 मार्च को ईरान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश के दौरान ही गिरफ्तार किया गया।