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घर में नए मेहमान के आने पर माता-पिता वॉकर, फीडिंग बोतल और डाइपर आदि ले लेते हैं। लेकिन इनका प्रयोग शिशु के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। इसके बारे में बता रहे हैं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक शिवपुरी-
टीथर और चुसनी : 5-6 माह की उम्र में बच्चा हर चीज मुंह में लेना चाहता है। ऐसे में चुसनी व टीथर की ठीक से सफाई न हो पाने सेे इंफेक्शन का डर रहता है। इनकी जगह पर बच्चे को अच्छी क्वालिटी व गहरे रंग के टीथिंग रिंग या प्लास्टिक की चूडिय़ां दे सकते हैं। लेकिन देने से पहले हर बार इन्हें अच्छे से धोएं।
ग्राइप वॉटर : इसके फायदे या नुकसान का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है इसलिए इन्हें न देना ही बेहतर है।
वॉकर: छोटे बच्चों को वॉकर देने से पूरी तरह बचें। इससे उनका संतुलन बिगड़कर गिरने का डर रहता है साथ ही उसके प्राकृतिक रूप से चलने में बाधा आती है जिससे कई बार वह देर से चलना सीखता है।
सॉफ्ट टॉय
ये भी ठीक से साफ नहीं हो पाते इसलिए इनसे बच्चे को एलर्जी या संक्रमण हो सकता है। कई बार इससे सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम भी हो सकता है। इसकी जगह बच्चे को ऐसे खिलौने दें जो वॉशेबल हों।
फीडिंग बोतल: ठीक से सफाई न हो पाने के कारण बच्चे को पेट में दर्द या संक्रमण हो सकता है। इनसे बचना ही बेहतर है। अगर फिर भी देना पड़े तो हर बार फीड कराने से पहले इसे 10 मिनट पानी में उबालकर प्रयोग करें।
फैंसी कपड़े: हाईनेक व फैंसी कपड़े न लें। इनसे चुभन और बेचैनी हो सकती है। छोटे कपड़े भी न पहनाएं इससे उनको घुटन महसूस होती है। कॉटन के झबले बच्चे के लिए सबसे बेहतर हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: इनसे बच्चे के मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इनकी जगह उन्हें कहानी सुनाएं या चित्रों के माध्यम से कुछ सिखाएं व बच्चों के साथ समय बिताएं।
डायपर: इसकी जगह कॉटन के कपड़े का प्रयोग बेहतर है। यदि डायपर पहना भी रहे हैं तो हैवी होते ही बदल दें। पहनाते समय स्किन पर थोड़ा तेल लगाने से त्वचा को सीधे नुकसान नहीं पहुंचता।