गुजरात के राजघराने के राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल हैं भारत के पहले Gay Prince
नई दिल्ली : समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने से बाहर कर दिया है। इस फैसले के मुताबिक देश में अब दो व्यस्कों के बीच समलैंगिक संबंध अपराध नहीं होगा। जहां बात देश में समलैंगिकता की हो रही है, वहां एक नाम का जिक्र करना जरूरी है। वह नाम है गुजरात के राजघराने के राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल का। गौरतलब है कि वह शाही परिवार से इकलौते ऐसे शख्स थे, जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने ‘गे’ होने की बात स्वीकार की थी। हालांकि इसके बात उनके परिवार ने उनको त्याग दिया था। राजकुमार मानवेंद्र ने 1991 में मध्य प्रदेश के झाबुआ की राजकुमारी से शादी भी की, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में सब कुछ सच-सच अपनी पत्नी को बता दिया, जिसके कारण शादी के एक साल बाद ही उनकी पत्नी ने तलाक की अर्जी दे दी। हालांकि तब इस बात का अन्य लोगों को पता नहीं चल पाया। फिर 2002 में प्रिंस मानवेंद्र को नर्वस ब्रेकडाउन हुआ और अस्पताल में सायकायट्रिस्ट ने उनके पारिवारिक सदस्यों को बताया कि वह गे हैं। जिसके बाद उन पर यह बात दबा कर रखने का दबाव भी डाला गया। इतना ही नहीं उनका विभिन्न तरीकों से इलाज करवाने की भी कोशिश की गई, लेकिन राजकुमार के लिए समस्या तब और भी बढ़ गई जब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर खुद के गे होने की बात कबूली, जिसके बाद उन्हें बाहरी व आंतरिक दोनों रूप से विरोध झेलना पड़ा, जहां एक ओर उनके गृहराज्य में उनका विरोध चल रहा था, वहीं उनके परिवार ने भी उन्होंने अपने परिवार से बेदखल कर उनसे सभी रिश्ते तोड़ लिए।
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