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गुजरात चुनाव के बाद मिडकैप शेयरों में तेजी

मुंबई (एजेंसी)। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद अब लार्ज कैप स्टॉक के मुकाबले मिडकैप शेयरों का वैल्यूएशन और बढ़ सकता है। वैसे तो इन शेयरों के बहुत महंगा होने को लेकर चिंता हो रही है,लेकिन इनमें डोमेस्टिक इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बने रहने की संभावना है। इससे मिडकैप शेयरों में और तेजी आ सकती है। एसएंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स129.68 अंक यानी 0.8 प्रतिशत चढ़कर 17,104.40 पर बंद हुआ।यह इंडेक्स का ऑल टाइम हाई लेवल है।गुजरात चुनाव के बाद मिडकैप शेयरों में तेजी

कारोबार के दौरान यह 17,195.16 की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। मिडकैप इंडेक्स में सबसे अधिक तेजी पेज इंडस्ट्रीज के शेयर प्राइस में आई।इसके शेयरों का दाम 8.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,528रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद जिंदल स्टील एंड पावर,यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और अडानी एंटरप्राइजेज में 3 से 6 प्रतिशत तक की तेजी आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स का 12 महीनों का पी/ई रेशियों 51.75 है, जबकि बीएसई सेंसेक्स में फिलहाल 24.75 पी/ई पर ट्रेडिंग हो रही है।दोनों के वैल्यूएशन में 27 का गैप है।11 दिसंबर को यह गैप 27.71 तक पहुंच गया था,जो 2010 के बाद सबसे अधिक था।

यह जानकारी ईटीआईजी के डेटाबेस से मिली है। प्रभुदास लीलाधर के सीईओ और चीफ पोर्टफोलियो मैनेजर अजय बोडके ने बताया,आमतौर पर जब म्यूचुअल फंडों के पास काफी पैसा आता है तो फंड मैनेजर बॉटम अप अप्रोच अपनाते हैं। पिछले साल बाजार की तेजी में म्यूचुअल फंडों और इंश्योरेंस कंपनियों की बड़ी भूमिका रही। इस वजह से लार्ज कैप की तुलना में मिडकैप स्टॉक्स में निवेशकों की अधिक दिलचस्पी दिखी थी।’

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि गुजरात जीत की वजह से बाजार में तेजी बने रहने वाली है। ऐसे में अधिक रिटर्न के लिए लोग अधिक रिस्क उठाएंगे और वे मिडकैप शेयरों के पीछे पड़ सकते हैं। पिछले एक साल में बीएसई मिडकैप इंडेक्स 40.5 प्रतिशत चढ़ चुका है,जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में इस दौरान 27.4 प्रतिशत की मजबूती आई है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट डॉटकॉम के रिसर्च हेड पंकज पांडे ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों की ग्रोथ अधिक तेज होती है। इसलिए निवेशक इनमें ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। उन्हें लगता है कि लार्ज कैप स्टॉक की तुलना में मिडकैप स्टॉक्स का वैल्यूएशन अधिक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि बाजार में काफी पैसा आ रहा है। इसलिए यह ट्रेंड बना रह सकता है। पांडे ने कहा कि अगर ग्रोथ सुस्त पड़ती है तो सबसे अधिक गिरावट मिडकैप स्टॉक्स में आ सकती है।

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