वडोदरा : गुजरात के दाहोद में अजीबोगरीब डबल मर्डर केस का खुलासा हुआ है। पिछले दिनों गुमशुदा मां, बेटी की लाश मिलने के साथ ही पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले से पर्दा उठा दिया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने एक वाटर टैंक में करीब 260 किलोग्राम सीमेंट के नीचे महिला का शव दफन किया था। वहीं बेटी को नदी में फेंक दिया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नंदा सिसोदिया और उनकी गोद ली हुई बेटी शियोना (3 वर्ष) बीते 17 नवंबर से लापता थीं। 23 नवंबर को लिमखेड़ा के पास एक नदी से शियोना की लाश मिलने के बाद इस पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर पुलिस इस हत्या के खुलासे के काफी करीब पहुंच गई। दरअसल, इनके जरिए पुलिस को यह पता चला कि नंदा अपनी दोस्त और सहकर्मी मंजू भभोर के घर पर अंतिम बार अपनी बेटी के साथ दिखी थीं। इसके बाद से ही वह और उनकी बेटी गायब हो गई थीं। इसके बाद पुलिस ने भभोर और उनके पति दिलीप को पूछताछ के लिए बुलाया। कड़ाई से पूछताछ करने पर दम्पति ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। दाहोद पुलिस इंस्पेक्टर केजी पटेल ने बताया कि 17 नवंबर को दम्पति ने गला दबाकर नंदा की हत्या कर दी। इसके बाद दम्पति ने नंदा की मासूम बेटी को भी इस डर से मार दिया कि वह किसी को इस घटना के बारे में बता न दे। दम्पति ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने नंदा की बेटी को मरने के लिए नदी में फेंक दिया था। हालांकि पुलिस को अभी इस बयान पर शक है। दम्पति ने पुलिस को यह भी बताया कि हत्या करने के बाद उन्होंने नंदा की लाश को दाहोद-गोधरा रोड स्थित अपने घर के पीछे एक वाटर टैंक में डाल दिया। बीते 18 नवंबर को दम्पति ने एक अन्य व्यक्ति रोहित की मदद से करीब 14 बोरी सीमेंट लाकर वाटर टैंक में डाल दिया ताकि शव से कोई दुर्गंध न आए और किसी को यह राज पता न चल सके। दम्पति की तरफ से जुर्म कबूल करने के बाद पुलिस ने मशीन के जरिए वाटर टैंक से सीमेंट की परत हटवाकर नंदा का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी दम्पति पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं।