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गुजरात ELECTION RESULT: 22 वर्षों बाद भी सत्ता से दूर कांग्रेस, गुजरात में फिर चला ‘मोदी का जादू’

नई दिल्‍ली। गुजरात में भाजपा लगातार भगवा परचम लहराती दिखाई दे रही है। शुरुआती टक्कर देने के बाद अब कांग्रेस इस लड़ाई में पिछड़ गई है और बाजी उसके हाथ से निकल गई है। राजकोट पश्चिम सीट से मौजूदा मुख्यणमंत्री विजय रुपाणी ने कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू को हराकर जीत हासिल की है। वहीं अर्जुन मोढ़वाडि़या पोरबंदर से अपना चुनाव हार चुके हैं। उन्हें बाबूभाई बोखाडि़या ने 1855 मतों से शिकस्त़ दी है। दक्षिण राजकोट, घटलोडिया, गणदेवी, मोंडल, अकोटा, करंज, मणिनगर, से भी भाजपा ने जीत दर्ज की है।गुजरात ELECTION RESULT: 22 वर्षों बाद भी सत्ता से दूर कांग्रेस, गुजरात में फिर चला ‘मोदी का जादू’

इसके साथ ही भाजपा रुझानों में बहुमत हासिल करने में कामयाब हो गई है। वहीं रुझानों के बाद कांग्रेसी खेमे में मायूसी छा गई है। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं की हलचल खत्म हो गई है। यहां पर लगभग सन्नाटा छाया हुआ है। गुजरात में सरकार बनाने से चूकी कांग्रेस को लेकर प्रियंका गांधी के पति और राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि हार-जीत तो लगी ही रहती है। 

गुजरात के रुझानों से उत्‍साहित केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भाजपा अपने वादों पर खरी उतरी है और जीत की तरफ बढ़ रही है। वहीं गुजरात में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता अशोक गहलोत का कहना है कि गुजरात में भाजपा विफल रही है। उनका यह भी कहना था कि नतीजा कुछ भी हो लेकिन कांग्रेस जीत हासिल कर रही है। फिलहाल कांग्रेस 74 सीटों पर आगे चल रही है और भाजपा 107 पर आगे है। 

मणिनगर में भी भाजपा आगे चल रही है। वहीं जयसिंह पुर से कांग्रेस आगे चल रही है। सौराष्ट्र में कांग्रेस आगे चल रही है और दक्षिण गुजरात में भाजपा आगे है। सौराष्ट्र में पटेल फैक्टर का असर दिखाई दे रहा है।

पिछले विधानसभा चुनाव में 116 सीट भाजपा के खाते में गई थीं जबकि 61 सीटों पर कांग्रेस का कब्‍जा था। उत्तर, मध्य और दक्षिण गुजरात में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। वहीं सौराष्ट्र में पहले कांग्रेस आगे दिखाई दे रही थी लेकिन अब यहां पर भी भाजपा के साथ उसकी कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है।

आपको बता दें कि गुजरात की 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को वोट डाले गए थे। इस दौरान 89 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। 14 दिसंबर को उत्तर और मध्य गुजरात के 93 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी।। गुजरात में कुछ सीटें बेहद अहम हैं जिन पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

इनमें से एक है राजकोट और दूसरी है वलसाड। इनके अलावा गुजरात में अंकलेश्‍वर, ओलपाड, सूरत पूर्व, सूरत पश्चिम, नवसारी विधानसभा सीट ऐसी हैं जिनपर जीतने वाली पार्टी अक्‍सर राज्‍य में सरकार बनाती आई है।  राजकोट की सात में एक सीट राजकोट पश्चिम से मौजूदा मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी मैदान में हैं। उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू को मैदान में उतारा है। राजकोट की सात में चार सीटों पर भाजपा का तो तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्‍जा है। राजकोट पश्चिम की सीट पर रुपाणी ने 2014 में कांग्रेस के जयंतीभाई कलारिया को करीब 75 हजार वोटों से हराया था। 1985 के बाद से ही यहां पर भाजपा यहां पर लगातार जीत दर्ज कराती आई है।

इसके अलावा वलसाड के साथ यह भी मिथक जुड़ा हुआ है कि यहां से जीत दर्ज करने वाली पार्टी ही राज्‍य में सरकार बनाती रही है। वर्ष 2012 में यहां से भारतभाई पटेल ने कांग्रेस के धर्मेश पटेल को करीब 35 हजार से अधिक मतों से हराया था। 2007 में यहां से दौलतराय देसाई ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

इतना अहम क्‍यों है गुजरात चुनाव

गुजरात चुनाव इस बार जितना अहम बन गया है उतना अहम पहले कभी नहीं रहा। इसकी कुछ खास वजह हैं। पहली और सबसे बड़ी वजहों में आते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिनका वह गृह राज्‍य है। दूसरी वजह है उनके विकास का गुजरात मॉडल और तीसरी वजह है वहां पर दो दशकों से भाजपा का शासन है। कांग्रेस इन तीनों से ही अब पार पाना चाहती है। दरअसल, कांग्रेस गुजरात में जीत दर्ज कर यह बताने की कोशिश करेगी कि प्रधानमंत्री का विकास का मॉडल पूरी तरह से बेकार है और उन्‍हें उनके गृह राज्य में ही कोई नहीं पूछता है। वहीं भाजपा के सामने दो दशकों से जारी सत्‍ता को बचाने की लड़ाई है। यही वजह है कि इस बार यह चुनाव इतना अहम हो गया है।

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