स्वास्थ्य

गुड न्यूज: चीर-फाड़ हुए बिना निकल जाएगी पथरी

kidney-stone-5658363e3072f_lखराब खानपान और अत्यधिक वजन के कारण पथरी की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में इस रोग की वजह फैमिली हिस्ट्री भी होती है। कई बार शरीर में आवश्यकता से अधिक कोलेस्ट्रॉल होने या पित्ताशय के खाली न हो पाने से भी पथरी हो सकती है। पथरी का खतरा बुजुर्गों और  महिलाओं को अधिक होता है। इसके अलावा जिन लोगों को मोटापा, डायबिटीज, लिवर की परेशानी आदि हो या जिनका अत्यधिक वजन कम हो रहा हो, उन्हें पथरी होने की आशंका अधिक बढ़ जाती है।

जांचें होती हैं ऐसे

पथरी की जांच के लिए खून की जांच, पेट का सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और पित्ताशय का रेडिओन्यूक्लाइड स्कैन किया जाता है।

ये हैं उपचार

पथरी के इलाज के लिए अधिकांश मामलों में सर्जरी ही सबसे उत्तम विकल्प साबित होती है। हालांकि, दवाइयों से भी छोटी-मोटी पथरी का इलाज किया जाता है जिसमें धीरे-धीरे पथरी को गलाकर खत्म किया जाता है। लेकिन यह बहुत ही लंबी प्रक्रिया होती है जिसमें कई साल लग सकते हैं और यह हर आकार की पथरी के लिए उपयोगी नहीं है। आजकल पथरी के इलाज के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने लगी है।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी वह प्रक्रिया है जिसमें सामान्य ऑपरेशन की तरह ज्यादा चीर-फाड़ नहीं होती। इसमें छोटे-छोटे चीरे लगाकर पथरी को निकाला जाता है क्योंकि इसमें कोई बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता और न ही शरीर को खोला जाता है इसलिए यह बेहद सुरक्षित है। ऑपरेशन के बाद मरीज जल्द ही स्वस्थ हो जाता है और अपने सामान्य जीवन में फिर से रोजमर्रा के कामकाज करने लगता है।

बचाव के लिए ये करें

पथरी से बचाव के लिए जरूरी है कि संतुलित आहार लिया जाए। समय पर भोजन करें और खूब पानी पिएं। साथ ही वजन पर नियंत्रण रखें और यदि वजन घटा रहे हैं तो धीरे-धीरे घटाएं।

 

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