अद्धयात्म

गुरुवार को हैं ये 2 शुभ योग, जानिए संपूर्ण पंचांग

panchang-1444473221दस्तक टाइम्स/एजेंसी:  15 अक्टूबर 2015 को गुरुवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: दक्षिण, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु. मास: मुहर्रम-1, ऋतु: शरद्, मास: आश्विन, पक्ष: शुक्ल है। गुरुवार को शुभ तिथि: द्वितीया भद्रा संज्ञक तिथि प्रात: 10.12 तक, तदन्तर तृतीया जया संज्ञक तिथि रहेगी। द्वितीया तिथि में सामान्यत: विवाहादि मांगलिक कार्य, यज्ञोपवीत, वास्तु (गृहारम्भ व प्रवेश आदि) यात्रा, प्रतिष्ठा, वस्त्राभूषण, कला-कौशल, गीत-संगीत, कलादि कार्य और तृतीया तिथि में यथा आवश्यक अन्नप्राशन, गानविद्या, चित्रकला, शिल्प, सीमन्त कर्म, संगीत-वाद्य कला शिक्षा तथा द्वितीया तिथि में कथित समस्त कार्य शुभ होते हैं। द्वितीया तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: सत्य बोलने वाला, सुख व आनन्द का भोगने वाला, प्रशंसक तथा सदा अपने कार्यों को तत्परता से करने वाला होता है।

नक्षत्र: स्वाति नक्षत्र प्रात: 7.21 तक, तदुपरान्त विशाखा नक्षत्र रहेगा। स्वाति नक्षत्र में देवालय, विवाहादि मांगलिक कार्य, वस्त्रालंकार, वास्तु, बीज-वृक्षादि रोपण, युद्ध व शस्त्रादि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। विशाखा नक्षत्र में पदार्थ संग्रह, अलंकार, कारीगरी, चित्रकारी, प्रहार और औषध सेवन सम्बंधी कार्य सिद्ध होते हैं। स्वाति नक्षत्र में जन्मा जातक धार्मिक, प्रियभाषी, शूरवीर, क्रय-विक्रय में प्रवीण, कामासक्त, अधिक जानने वाला, बहुपरिश्रमी, बुद्धिमान व विद्वान होता है।
शुभकार्यारम्भ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार गुरुवार को गृहारम्भ का अतिआवश्यकता में (कन्या संक्रान्ति दोषयुक्त) अशुद्ध, प्रसूति स्नान, नामकरण, अन्नप्राशन व हलप्रवहण आदि के स्वाती नक्षत्र में शुभ मुहूर्त हैं। वारकृत्य कार्य: गुरुवार को सभी धार्मिक व मांगलिक कार्य, पौष्टिक, अनुष्ठान, विद्याध्ययन, सोना सम्बन्धी कार्य, वस्त्राभूषण, यात्रा, सवारी, औषध निर्माण व सेवन नवग्रहपूजा, देवार्चन व प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ रहते हैं। 

दिशाशूल: गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अति आवश्यकता में कुछ दही खाकर यात्रा पर प्रस्थान किया जा सकता है। वैसे चन्द्र स्थिति के अनुसार पश्चिम व उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।

 

 

 

 

 

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