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गुड़गांव में बच्ची के मर्डर और मां से गैंगरेप का तीसरा आरोपी बुलंदशहर से गिरफ्तार

गुड़गांव:ऑटो-रिक्शा में 23 साल की महिला से गैंगरेप और उसकी 9 महीने की बच्ची की हत्या के तीसरे आरोपी को पुलिस ने बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले बुधवार को मुख्य आरोपी योगेंद्र और उसके साथी अमित को पकड़ा। तीनों मानेसर में किराए पर रहकर ऑटो चलाते हैं। बता दें कि 29 मई को पड़ोसी से झगड़े के बाद महिला घर छोड़कर चली गई थी। जिसके बाद ऑटो ड्राइवर्स ने वारदात को अंजाम दिया। इस घटना का खुलासा बीते मंगलवार को हुआ था। डेड बेटी को लेकर भटकती रही मां… 

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गुड़गांव में बच्ची के मर्डर और मां से गैंगरेप का तीसरा आरोपी बुलंदशहर से गिरफ्तार
– गुड़गांव पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार ने कहा- विक्टिम अपनी डेड बच्ची को लेकर इधर से उधर भागती रही, यहां तक कि वारदात के अगले दिन उसने बच्ची को लेकर मेट्रो में भी ट्रैवल किया। विक्टिम के पति ने पुलिस को वारदात के बारे में जानकारी दी। पति और पुलिस को विक्टिम एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर मिली, तब वह दिल्ली के हॉस्पिटल से लौट रही थी। इसके बाद बच्ची की बॉडी का पोस्टमॉर्टम कराया।
– पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने रो रही बच्ची का गला दबाया और उसके बाद उसे ऑटो से फेंक दिया। बच्ची की मौत दम घुटने से हुई। उसकी बॉडी पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके बाद आरोपी 4 घंटे तक विक्टिम (बच्ची की मां) को ऑटो में घुमाते रहे, उससे रेप किया और बाद में उसे छोड़ दिया।
– घटना के बाद विक्टिम उस जगह पहुंची, जहां बच्ची को ऑटो से फेंका गया था। वहां से बच्ची को लेकर वह एक हॉस्पिटल गई, जहां डॉक्टरों ने बेटी को डेड घोषित कर दिया, लेकिन मां को यकीन नहीं हुआ। वह डेड बच्ची को लेकर दिल्ली के हॉस्पिटल में गई। अगले दिन उसे लेकर मेट्रो से वापस गुड़गांव लौटी।
 
50 से ज्यादा ऑटो ड्राइवर्स से पूछताछ
– गुड़गांव पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों के स्केच जारी किए थे। खिरवार ने बुधवार को बताया, “आरोपी योगेन्द्र ने अपराध कबूल कर लिया। 2 अन्य आरोपी जयकेश (ऑटो ड्राइवर) और अमित हैं। तीनों आरोपी बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।”
– पुलिस IMT मानेसर एरिया के अब तक 50 से ज्यादा ऑटो-रिक्शा ड्राइवर्स से पूछताछ की। एसआईटी की एक टीम इस मामले की जांच में लगाई गई। वह क्राइम सीन को समझने के लिए विक्टिम को लेकर सभी लोकेशन पर लेकर जा चुकी है।

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पुलिस पर विक्टिम के बयान को दबाने का आरोप

– इस मामले में विक्टिम के गरीब परिवार से होने के चलते पुलिस पर उसके बयान को दबाने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने शुरुआत में एफआईआर दर्ज नहीं की। घटना के 5 दिन बाद उसने विक्टिम के बयान के आधार पर गैंगरेप की धाराएं जोड़ीं।
– मामले में लापरवाही बरतने के चलते एक महिला पुलिस अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है।
 
पड़ोसी से झगड़े के बाद छोड़ा था घर
– विक्टिम बास खुसला गांव में रहती है। वह 29 मई की रात पति और पड़ोसियों से झगड़े के बाद अपनी बेटी को लेकर घर से निकली थी। महिला खांडसा गांव में अपने मां-बाप के घर जा रही थी। उसने पहले एक ट्रक में लिफ्ट लिया। ट्रक ड्राइवर ने भी उससे छेड़छाड़ की, लेकिन महिला के सख्त विरोध करने पर ट्रक ड्राइवर ने उसे NH 8 पर उतार दिया। जिसके बाद ऑटो में बैठे 3 लोगों ने उसे लिफ्ट दी और उससे गैंगरेप किया। महिला की बच्ची ने जब रोना शुरू कर दिया तो आरोपियों ने उसे ऑटो से बाहर फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
 

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