गृह मंत्रालय ने बनाई कमेटी, राजीव गांधी फाउंडेशन समेत तीन ट्रस्ट की फंडिंग की होगी जांच
नई दिल्ली : राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को चीन से फंडिंग के मामले में जांच के लिए गृह मंत्रालय ने इंटर मिनिस्ट्रीयल समिति का गठन किया है। मंत्रालय ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम, आयकर अधिनियम, विदेशी चंदा विनियामक अधिनियम आदि के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के लिए इस समिति का गठन किया है। प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक इस समिति के प्रमुख होंगे। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर स्थापित इस फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसके बोर्ड में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पी. चिंदबरम और प्रियंका गांधी वाड्रा भी हैं।
फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के अनुसार उसे चीनी सरकार और भारत में चीनी दूतावास दोनों से चंदा मिला। हाल ही में, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि देश जानना चाहता है कि चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों मिला? यह शर्मनाक है। विदेशी ताकतों से अपने निजी ट्रस्ट के लिए चंदा लेकर देश के हितों का बलिदान किया गया।
नड्डा ने यह भी आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को विभिन्न सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों से फंड मिला है। 27 जून को, नड्डा ने आरोप लगाया कि 2005-2008 के बीच पीएम राष्ट्रीय राहत कोष में प्राप्त धनराशि को राजीव गांधी प्रतिष्ठान भेजा गया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर इसे लेकर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि यूपीए के शासन में, कई केंद्रीय मंत्रालय और सार्वजनिक उपक्रमों को आरजीएफ को पैसे देने के लिए मजबूर किया गया था।
नड्डा ने इस दौरान ने कहा कि यूपीए शासनकाल के दौरान, सेल, गेल, एसबीआई, अन्य को राजीव गांधी फाउंडेशन समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों को पैसा देने के लिए दबाव डाला गया था। राजीव गांधी फाउंडेशन ने प्रमुख भारतीय कॉरपोरेट्स से भारी डोनेशन लिया।
नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि पीएमएनआरएफ का धन, जो लोगों की सेवा करने और उन्हें राहत प्रदान करने के लिए है, 2005-2018 के बीच राजीव गांधी प्रतिष्ठान क्यों भेजा गया? हमारे देश के लोग इसका जवाब जानना चाहते हैं।