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गेहूं खरीद के लिए खेत तक पहुंच रही उत्तर प्रदेश सरकार

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के अन्नदाता के लिए भी संकटमोचक बने हैं। लॉकडाउन के हालात में भी उन्होंने किसानों से गेहूं खरीद का नायाब तरीका निकाला है। 52 फार्म्स प्रोड्यूसर कम्पनी (एफ पीसी) के माध्यम से प्रदेश सरकार गेहूं खरीदने के लिए किसानों के खेतों तक पहुंची है, ऐसी व्यवस्था पहली बार की गई है। इसी क्रम में योगी सरकार ने किसानों से गेहूं खरीदी के लिए ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की है। इसके तहत किसान अपनी सुविधानुसार तारीख और समय का टोकन प्राप्त कर रहे हैं और ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना है।

प्रदेश सरकार किसानों से अब तक कुल 289.79 लाख क्विं टल गेहूं खरीद चुकी है। जिसमें से 2 हजार 613 किसानों से 180745.5979 क्विं टल गेहूं की खरीद एफ पीसी के माध्यम से की गई है। यही नहीं किसानों की सुविधा के लिए इन एफ पीसी ने प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में 134 सेंटर भी स्थापित किए हैं। दो से तीन गांवों के 100 से लेकर 1000 प्रगतिशील किसानों को जोड़कर एक कम्पनी बनाई जाती है, जिसे फोर्म्स प्रोड्यूसर कम्पनी कहते हैं। इसके माध्यम से किसानों को सामूहिक और कमर्शियल खेती के लिए प्रेरित किया जाता है। स्थानीय स्तर पर इनकी पहुंच होने के कारण योगी सरकार इन कम्पनियों के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीद रही है। इससे किसानों को मण्डियों में नहीं जाना पड़ रहा है और खेत से ही उनकी फ सल बिक रही है।

कोविड -19 के चलते क्रय केंद्रों को खुलवाने और ट्रांसपोर्टर को लाने में खाद्य विभाग को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए विभाग ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है। विभाग के पोर्टल पर किसान अपनी खतौनी और आधार कार्ड की डिटेल भरकर अपना पंजीकरण कराते हैं। उसके बाद अपनी सुविधानुसार तारीख और समय का टोकन प्राप्त कर लेते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के 6 लाख 70 हजार किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है, जिसमें से 4 लाख 18 हजार किसानों की तौल कराई जा चुकी है। इससे जहां एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपाल हुआ, वहीं दूसरी तरफ किसान अपने नजदीकी क्रय केंद्र पर अपना अनाज बेचने आसानी से बेंच पाएं।

भारत सरकार के पोर्टल पब्लिक फोइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से योगी सरकार किसानों की उपज की खरीद कर रही है। जिससे किसानों से प्रतिदिन 6 से 7 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से पूरी जांच-पड़ताल के बाद वास्तविक किसानों के खाते में पैसा पहुंच रहा है। इसके जरिए प्रदेश सरकार अब तक 4 लाख 18 हजार 155 किसानों से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1 हजार 925 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदी कर चुकी है। अब तक किसानों का 3 हजार 594 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इस बारे में खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया, “कोरोना के दौरान फैक्ट्रियां बंद होने से गेहूं खरीद के लिए जूट के बोरों की आपूर्ति कम हो गई थी। इस बारे में केन्द्र सरकार से संपर्क करके पीडीएस सेंटर से खाली हो रहे बोरों के प्रयोग की अनुमति प्राप्त कर खाद्य विभाग लगातार किसानों से खरीद कर रहा है।” उन्होंने किसानों से कहा कि अब यहां पर पर्याप्त मात्रा में बोरे उपलब्ध हैं। किसान जल्द से जल्द क्रय केंद्रों पर आकर अपनी फ सल की तौल कराएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ उठाएं।

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